
अनीस मंसूरी: प्रधानमंत्री जवाब दें, कुंवर विजय शाह को बर्खास्त क्यों नहीं किया गया
दया शंकर चौधरी
पसमांदा समाज के सब्र की परीक्षा लेना बंद करे भाजपा, वरना सड़कों पर होगा जनविरोध
लखनऊ। पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने भारतीय सेना में सेवारत पसमांदा समुदाय की गौरव लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ भाजपा के मंत्री कुंवर विजय शाह द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी पर कड़ा एतराज़ जताते हुए केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।
अनीस मंसूरी ने तीखे शब्दों में कहा कि भाजपा सरकार की कथनी और करनी में ज़मीन-आसमान का फर्क है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एक ओर पसमांदा मुसलमानों को मुख्यधारा में लाने की बातें करते हैं, दूसरी ओर उन्हीं की पार्टी का मंत्री एक बहादुर महिला फौजी अधिकारी को सिर्फ उसके मजहब के आधार पर अपमानित करता है। यह निंदनीय ही नहीं, बल्कि खतरनाक मानसिकता को उजागर करता है। उन्होंने आरएसएस और भाजपा की सोच पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यह हमला सिर्फ एक अधिकारी पर नहीं, बल्कि पूरे पसमांदा समाज की अस्मिता पर हमला है।
मंसूरी ने दो टूक कहा कि क्या यही है मोदी जी का ‘सबका साथ, सबका विकास’? अगर वाकई प्रधानमंत्री पसमांदा समाज के साथ हैं, तो आज तक कुंवर विजय शाह को बर्खास्त क्यों नहीं किया गया? अब चुप्पी नहीं चलेगी, जवाब देना होगा। उन्होंने लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी की वीरता का हवाला देते हुए कहा कि वह पहली भारतीय महिला अधिकारी हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यासों में देश का नेतृत्व किया है। "ऐसी बेटी का अपमान सिर्फ भाजपा नहीं, देश के हर नागरिक का अपमान है," उन्होंने कहा।
पूर्व मंत्री मंसूरी ने चेतावनी दी कि अगर प्रधानमंत्री ने कुंवर विजय शाह के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, तो पसमांदा समाज देशभर में लोकतांत्रिक तरीके से सड़क पर उतरेगा। मंसूरी ने सख्त लहजे में कहा कि हम देश की सेवा कर रहे हैं, कुर्बानियां दी हैं, लेकिन अपमान नहीं सहेंगे। अब हर मंच पर विरोध होगा और सत्ता को जवाब देना होगा।
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