
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने की विभागीय समीक्षा बैठकg
* किसानों को समय पर मिले खाद-बीज: कृषि मंत्री
* अधिकारियों को बजट व्यय में तेजी लाने के दिये निर्देश
दया शंकर चौधरी
लखनऊ। किसानों के हित में स्वीकृत बजट को समय पर किसानों के हित में खर्च कर लिया जाना और बीज तथा संबंधित कृषि यंत्र भी किसानों को समय से मिल सकें यह विभाग के योजनाधिकारियों का मुख्य दायित्व है, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। यह बात बुधवार को प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा कृषि भवन के सभागार में आयोजित विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों से कही गई।
कृषि मंत्री ने उर्वरक की आपूर्ति, भण्डारण तथा वितरण की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रत्येक खाद विक्रय केन्द्र स्तर पर इसकी निरन्तर गहन निगरानी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि स्थानीय अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि किसानों को खतौनी में उनके नाम दर्ज भूमि के सापेक्ष ही उर्वरक दिया जाय, जिससे जमाखोरी व कालाबाजारी पर लगाम लगायी जा सके। विभाग द्वारा खाद की निरन्तर आपूर्ति किये जाने के कारण ही वर्तमान अवधि में गत वर्ष के सापेक्ष इस वर्ष 484035 मी0टन खाद की अधिक बिक्री की गई है। गत वर्ष यह बिक्री 2157439 थी, जबकि इस वर्ष 2641474 है। उन्होंने किसानों से भी अपील की कि वे रासायनिक उर्वरकों का उतना ही प्रयोग करें, जिससे मिट्टी की उर्वरता तथा उसका स्वास्थ्य भी बचाया जा सके।
इस वित्तीय वर्ष के बजट की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि व्यय में और गति लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अभी तक लगभग 20 प्रतिशत बजट खर्च किया गया है। जिन योजनाधिकारियों द्वारा बजट व्यय करने में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया गया है उन अधिकारियों को अपने कार्य में गति लाने के लिए सख्त हिदायत दी गई। उन्होंने अधिकारियों की कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए ब्रेन स्टॉर्मिंग कार्यशाला आयोजित करने के भी निर्देश दिए।
कृषि मंत्री द्वारा आगामी रबी सीजन के लिए अभी से तैयारी करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिये गये। उन्होंने कहा कि गन्ना विभाग के साथ मिलकर गन्ना, मक्का, चना, मटर, अलसी, मसूर तथा सरसों की सह-फसली खेती को बढ़ावा देने के लिए अभी से कार्ययोजना तैयार कर ली जाए। उन्होंने फार्म स्कूल के तहत किसानों को नयी तकनीकों का किसानों को विधिवत प्रशिक्षण देने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। इस फार्म स्कूल की कार्यशाला के दौरान न्यूनतम 25 किसानों का उपस्थित रहना अनिवार्य है। इसकी विधिवत वीडियो एवं फोटोग्राफी भी करायी जानी चाहिए। उन्होंने वर्तमान में प्रदेश भर में आच्छादन की समीक्षा करते हुए कहा कि अभी तक धान की बुवाई 6741.954 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल पर की जा चुकी है।
बैठक के दौरान प्रमुख सचिव कृषि रवीन्द्र, सचिव कृषि श्री इन्द्र विक्रम सिंह, विशेष सचिव श्री टी.के. शिबू तथा ओ.पी. वर्मा, निदेशक कृषि डॉ. पंकज कुमार त्रिपाठी एवं निदेशक सांख्यकीय श्रीमती सुमिता सिंह सहित अन्य विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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