
'फिर से आ सकती है कोरोना जैसी महामारी'; वैज्ञानिक डॉ. प्रिया अब्राहम
लखनऊ। 'दुनिया में कोरोना जैसी महामारी किसी भी रूप में आ सकती है इसके लिए सतर्क रहने की आवश्यकता है कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है लोगों की इम्युनिटी बढ़ चुकी है। कोरोना वैक्सीन का कुछ लोगों पर साइड इफेक्ट हुआ किसी को जोड़ों में दर्द तो किसी को अन्य परेशानियां आईं, लेकिन बढ़ते हार्ट अटैक के लिए वैक्सीन जिम्मेदार नहीं है'।
रविवार को यह बातें कोविड वैक्सीन अनुसंधान टीम की प्रमुख वैज्ञानिक रहीं डॉ. प्रिया अब्राहम ने कहीं वह शहर के सिविल लाइंस स्थित मर्चेंट चेंबर सभागार में डॉ. गौर हरि सिंघानिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च की ओर से आयोजित यदुपति सिंघानिया स्मारक व्याख्यान में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि वैक्सीन ने करोड़ों लोगों को कोराना वायरस से बचाया है।
कोरोना की दस्तक ने बढ़ा दी थी टेंशन: डॉ. प्रिया ने कोरोना महामारी के दौरान के अपने अनुभव भी साझा किए। बताया कि कोरोना आने से कुछ समय पहले ही उनको नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी का निदेशक बनाया गया था। कोरोना की आहट ने सभी के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी थीं पहले सामान्य निमोनिया की तरह इलाज किया जाता रहा फिर धीरे-धीरे केस बढ़ने पर पहले टेस्टिंग किट बनाने और फिर वैक्सीन बनाने पर जोर दिया गया टेस्टिंग किट तैयार करना और लोगों को ट्रेंड करना भी बड़ा टॉस्क रहा।
जानवरों पर टेस्टिंग कठिन, चीन से ही आया था वायरस: डॉ. प्रिया ने कहा कोरोना वैक्सीन को तैयार करने के लिए जानवरों पर टेस्ट करना था यह सबसे मुश्किल काम था। कई लोगों के एप्रूवल लेने पड़े थे सबसे पहले मोटे चूहों पर टेस्ट किया, यह सफल रहा इसके बाद बंदरों पर टेस्ट करना था। आमतौर पर मंदिर के पास मिलने वाले बंदर लॉकडाउन के चलते नदारद थे बंदर पकड़ने वालों को बंदर लाने में 22 दिन का समय लग गया बंदरों पर भी प्रयोग सफल रहा कोरोना वायरस का पहला केस चीन से ही सामने आया।
चुनौतियों ने किया परेशान, नहीं हारी हिम्मत: डॉ. प्रिया बताती हैं कि वैक्सीन बनाने के दौरान कई चुनौतियां सामने आईं कुछ उच्च पदों पर अधिकारी पैकेट में कुछ पाउडरनुमा पदार्थ लेकर आए उनका कहना था, इसको आगे रखने से कोरोना नहीं आता वहीं, कुछ पशुप्रेमी लोगों ने जानवरों से पहले इंसानों पर वैक्सीन के ट्रायल का प्रेशर दे डाला था हिम्मत न हारते हुए हर पल का डटकर सामना किया।
तैयार होगी ड्रोन आर्मी: इंस्टीट्यूट में विशिष्ट अतिथि के रूप में आए आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि तकनीक में हर तीसरे दिन बदलाव होते जा रहे हैं इस रेस को जीतना है तो हर दिन अपडेट रहने की जरूरत है आने वाले समय में इंसानों के बीच युद्ध नहीं होगा। ड्रोन आर्मी तैयार होगी जो युद्ध लड़ेगी एआई ने हमारी दुनिया को बदल दिया है। डीपफेक बड़ी चुनौती बनकर उभर रहा है इसके अलावा मेडटेक, एग्रीटेक में भी बदलाव आ रहा है क्वांटम कंप्यूटिंग बड़े चैलेंज के रूप में उभर रहा है इन सभी क्षेत्रों में नित नए परिवर्तन हो रहे हैं, जिसके लिए हमें भी तैयार रहना होगा।
कार्यक्रम में रहे मौजूद: कार्यक्रम में जेके सीमेंट की अध्यक्ष सुशीला सिंघानिया, डॉ. गौरहरि सिंघानिया के अध्यक्ष अभिषेक सिंहानिया, एसपीएसईसी की उपाध्यक्ष वर्षा सिंघानिया, जेके इंटरप्राइजेज के एमडी पार्थो पी कर समेत कई अन्य विशिष्टजन उपस्थित रहे वहीं, इस मौके पर यदुपति सिंघानिया-सीमेंटिंग हिस्ट्री की संग्रह पुस्तक का विमोचन किया गया इसमे यदुपति सिंहानियां के जीवन, उपब्लिधयों और विरासत के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
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