
सूक्ष्म उद्यम सखियों के संग, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिली नई उड़ान
* स्वावलम्बन से लखपति बनने तक–महिला सशक्तिकरण की नई दिशा दे रहा आजीविका मिशन
दया शंकर चौधरी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में लगातार नए कदम उठा रहा है। स्वयं सहायता समूहों की ग्रामीण महिलाओं की आय बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए मिशन के तहत कई अभिनव पहलें की जा चुकी हैं, जिनमें समूह सखी, बीसी सखी, विद्युत सखी, कृषि सखी, पशु सखी, रेशम सखी और सूर्य सखी जैसी भूमिकाएं शामिल हैं। इसी श्रृंखला में मिशन ने महिलाओं की आजीविका को एक नए आयाम पर ले जाते हुए ‘सूक्ष्म उद्यम सखी’ की शुरुआत की है। यह पहल ग्रामीण महिलाओं को रोज़गार प्राप्त करने वाली से रोज़गार देने वाली उद्यमी बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। मिशन के तहत 13,064 महिलाओं को ‘सूक्ष्म उद्यम सखी’ के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है। ये महिलाएं आगे चलकर 50-50 अन्य महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ेंगी, जिससे 6.5 लाख से अधिक नए उद्यमों के सृजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अब तक 11,000 से अधिक सूक्ष्म उद्यम सखियों का चयन किया जा चुका है, तथा शेष के चयन हेतु 4 नवम्बर, 2025 को परीक्षा आयोजित की जाएगी । चयनित सखियों के प्रशिक्षण की प्रक्रिया प्रगति पर है। प्रशिक्षण के दौरान सखियों को व्यवसाय योजना, उद्यम प्रबंधन, विपणन, सरकारी योजनाओं की जानकारी, वित्तीय साक्षरता और व्यावहारिक ज्ञान (जैसे सर्वेक्षण और उद्यम स्थापना) प्रदान किया जा रहा है। मिशन निदेशक श्रीमती दीपा रंजन के निर्देशन में UPSRLM द्वारा एक विशेष मोबाइल ऐप भी विकसित किया जा रहा है, जिसके माध्यम से सूक्ष्म उद्यम सखियाँ अपना सारा कार्य — जैसे सर्वे, उद्यम निर्माण, प्रगति रिपोर्टिंग आदि डिजिटल रूप से करेंगी। इससे पारदर्शिता, गति और कार्य की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होगा। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स (Development Alternatives) संस्था तकनीकी सहयोग दे रही है। संस्था महिलाओं को उद्यम कौशल, प्रबंधन क्षमता, प्रशिक्षण सुविधा एवं बाज़ार से जोड़ने के महत्वपूर्ण पहलुओं पर सक्रिय रूप से सहयोग प्रदान कर रही है। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक संकुल स्तरीय संघ में 4-4 सूक्ष्म उद्यम सखियों की नियुक्ति की जा रही है। एक सखी लगभग 50 महिलाओं को उद्यम स्थापना में सहयोग करेगी। बैंक सखी के सहयोग से इन्हें बैंक ऋण की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर स्थानीय संसाधनों पर आधारित सूक्ष्म उद्योग स्थापित कर सकें। सूक्ष्म उद्यम सखियाँ अपने गांवों में अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनेंगी — वे न केवल स्वयं की पहचान बनाएंगी, बल्कि दर्जनों परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधारने में भी योगदान देंगी। यह पहल प्रधानमंत्री के ‘लखपति महिला’ विज़न को साकार करने में भी सहयोगी सिद्ध होगी। ‘सूक्ष्म उद्यम सखी’ योजना ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है, बल्कि गांवों की स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति दे रही है। यह योजना महिला उद्यमिता, रोजगार सृजन और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक सशक्त कदम है। इन सखियों के माध्यम से उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक स्वावलम्बन, स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा और सतत विकास की नई कहानी लिखी जा रही है।





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