भारत शिक्षा एक्सपो 2024 में उप्र की उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति का शुभारंभ
दया शंकर चौधरी
* उच्च शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्टता, नवाचार और समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए की गई एक ऐतिहासिक पहल
* नीति से निजी निवेश को मिलेगा बढ़ावा, शैक्षिक अवसरों का होगा विस्तार - उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय
ग्रेटर नोएडा/लखनऊ। भारत शिक्षा एक्सपो 2024 के पहले संस्करण का सोमवार को ग्रेटर नोएडा में उद्घाटन हुआ, जिसमें प्रदेश की उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति 2024 का शुभारंभ किया गया। यह नीति राज्य के उच्च शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्टता, नवाचार और समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक पहल है।
प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। यह आयोजन कल 11 से 13 नवंबर 2024 तक चल रहा है, जिसका आयोजन उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (जीएनआईडीए) के सहयोग से किया जा रहा है। इस एक्सपो का उद्देश्य भारत के शैक्षिक भविष्य को आकार देना और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के लक्ष्यों को बढ़ावा देना है।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने उत्तर प्रदेश के एक आधुनिक शिक्षा केंद्र बनने की दिशा में हो रहे परिवर्तनों का उल्लेख किया। उन्होंने प्राचीन नालंदा और तक्षशिला के शिक्षा केंद्रों का उदाहरण देते हुए बताया कि ग्रेटर नोएडा और राज्य शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से उभर रहे हैं। उन्होंने कहा, "भारत शिक्षा एक्सपो 2024 एनईपी के मूल सिद्धांतों को साकार करने का उत्कृष्ट प्रयास है।" उन्होंने इस नीति को निजी निवेश को बढ़ावा देने वाला बताया, जिससे शैक्षिक अवसरों का विस्तार होगा।
उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति 2024, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों को आकर्षित करने के लिए विशेष प्रोत्साहनों की व्यवस्था करती है, जिसमें निम्नलिखित प्रोत्साहन शामिल हैं।
* स्टाम्प शुल्क में छूट: निजी विश्वविद्यालयों के लिए अविकसित जिलों में 50% तक छूट।
* पूंजी अनुदान: परियोजना लागत का 17 प्रतिशत तक या 35 करोड़ रुपये तक की सहायता।
* विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए विशेष सहायता: राज्य में पहले पांच विदेशी विश्वविद्यालयों को 100 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क माफी और 20 प्रतिशत तक की पूंजी सब्सिडी।
* आकांक्षी जिलों के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन: संतुलित क्षेत्रीय विकास के लिए विशेष प्रोत्साहन।
इन प्रोत्साहनों का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को विश्वस्तरीय विश्वविद्यालयों के लिए आकर्षक बनाना है, जिससे उच्च गुणवत्ता की नौकरियों का सृजन होगा और सतत आर्थिक विकास को बल मिलेगा। यह नीति विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है, जो स्वचालन के कारण रोजगार में आने वाले परिवर्तनों को संबोधित करती है। नीति का उद्देश्य छात्रों को भविष्य के रोजगार बाजार के लिए तैयार करना है, जिसमें क्रिटिकल थिंकिंग और डिजाइन थिंकिंग जैसे कौशल पर जोर दिया गया है।
उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति 2024 राज्य के दीर्घकालिक शैक्षिक और आर्थिक लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान देगी। इस नीति के माध्यम से राज्य का ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो (जीईआर) जो वर्तमान में 24.1 प्रतिशत है, उसे 2035 तक 50 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य है। इसके अलावा, सरकार "वन डिस्ट्रिक्ट, वन यूनिवर्सिटी" पहल के माध्यम से हर जिले में एक विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए भी प्रतिबद्ध है, ताकि राज्य के हर क्षेत्र में शिक्षा की समानता सुनिश्चित की जा सके।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार धीरेन्द्र पाल सिंह, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अतिरिक्त सीईओ प्रेरणा सिंह, उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव शिपू गिरी, नीति आयोग के अटल नवाचार मिशन के परियोजना निदेशक रोहित गुप्ता और इंडिया एक्सपोजिशन मार्ट लिमिटेड के चेयरमैन डॉ. राकेश कुमार उपस्थित रहे।
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