
योगी सरकार की इस नीति से अगले 5 वर्षों में 2 लाख से अधिक नौकरियां
लखनऊ। यूपी में अगले पांच साल में बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश लाने के साथ हाई सैलरी वाली 2 लाख से अधिक नौकरियां सृजित करने का योगी सरकार का लक्ष्य है। सरकार निवेशकों को आकर्षित करने के लिए आकर्षक सब्सिडी भी दे रही है यह संभव होगा ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) नीति से. योगी सरकार ने 2024 में इस नीति को पेश किया था अब इस पर काम शुरू है इस नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य को वैश्विक कारोबार के नक्शे पर लाना है इसके तहत, राज्य के प्रमुख शहरों नोएडा, लखनऊ, कानपुर और वाराणसी को तकनीकी और डिजिटल सेवा के केंद्र के रूप में विकसित करना भी है।
इस नीति के तहत अगले 5 वर्षों में 2 लाख से अधिक उच्च वेतन वाली नौकरियां पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है इसके अलावा, यूपी को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कदम उठाया जा रहा इसका फोकस फॉर्च्यून 500 कंपनियों और विदेशी निवेश (एफडीआई) को आकर्षित करने पर है, ताकि राज्य में विकास और समृद्धि आ सके।
तय किए गए मानदंड: राज्य सरकार के प्रवक्ता ने प्रेस नोट में बताया कि जीसीसी नीति में लेवल-1 और एडवांस्ड जीसीसी के लिए स्पष्ट मानदंड तय किए गए हैं। लेवल-1 जीसीसी के लिए गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद के बाहर 15 करोड़ रुपये या 500 कर्मचारियों और इन जिलों में 20 करोड़ रुपये का निवेश आवश्यक है वहीं, एडवांस्ड जीसीसी के लिए 50 करोड़ रुपये (GB नगर/गाजियाबाद के बाहर) या 75 करोड़ रुपये (इन जिलों में) और 1,000 कर्मचारियों की शर्तें हैं यह नीति छोटे और बड़े निवेशकों को समान अवसर प्रदान करती है, जिससे यूपी में निवेश का दायरा व्यापक होगा।
आकर्षक वित्तीय प्रोत्साहन: निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए योगी सरकार ने उदार वित्तीय प्रोत्साहन पेश किए हैं इनमें भूमि पर 30-50% सब्सिडी, 100% स्टांप ड्यूटी छूट, 25% पूंजीगत सब्सिडी (लेवल-1 के लिए 10 करोड़, एडवांस्ड के लिए 25 करोड़ रुपये), एसजीएसटी प्रतिपूर्ति, 5% ब्याज सब्सिडी, 20% परिचालन सब्सिडी (लेवल-1 के लिए 40 करोड़, एडवांस्ड के लिए 80 करोड़ रुपये) और पेट्रोल सब्सिडी (प्रति कर्मचारी 1.8 लाख रुपये तक) शामिल हैं ये प्रोत्साहन निवेश लागत को कम करेंगे और वैश्विक कंपनियों को यूपी की ओर आकर्षित करेंगे।
फॉर्च्यून 500 और FDI पर विशेष फोकस: नीति में फॉर्च्यून ग्लोबल 500/इंडिया 500 कंपनियों और 100 करोड़ रुपये से अधिक के FDI वाले जीसीसी के लिए अनुकूलित प्रोत्साहन पैकेज की व्यवस्था है यह रणनीति वैश्विक दिग्गजों को यूपी में निवेश के लिए प्रेरित करने का हिस्सा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति न केवल आर्थिक विकास को गति देगी, बल्कि उच्च-कुशल रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगी।
नवाचार और अनुसंधान को प्रोत्साहन: जीसीसी नीति नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने पर भी केंद्रित है। स्टार्टअप आइडिएशन के लिए 50% लागत प्रतिपूर्ति (2 करोड़ रुपये तक), पेटेंट के लिए 5-10 लाख रुपये की आईपीआर सब्सिडी और उत्कृष्टता केंद्रों के लिए 10 करोड़ रुपये तक के अनुदान जैसे प्रावधान शामिल हैं ये कदम यूपी को तकनीकी नवाचार का केंद्र बनाने में मदद करेंगी।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव: योगी सरकार की जीसीसी नीति से यूपी में निवेश और रोजगार के नए द्वार खुलेंगे। नोएडा और लखनऊ जैसे शहर वैश्विक तकनीकी केंद्रों के रूप में उभरेंगे, जबकि कानपुर और वाराणसी जैसे शहर डिजिटल सेवा क्षेत्र में अपनी पहचान बनाएंगे यह नीति न केवल आर्थिक विकास को गति देगी, बल्कि युवाओं को उच्च-कुशल रोजगार के अवसर प्रदान कर सामाजिक-आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देगी।
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