ये सियासी दल बहुजन समाज के आत्म सम्मान की राह में बाधा हैं: मायावती
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने बीजेपी, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को बहुजन समाज के आत्म सम्मान और स्वाभिमान के आंदोलन की राह में बाधा करार देते हुए दावा किया कि बसपा ही उनकी ‘सच्ची मंजिल’ है जो उन्हें ‘शासक वर्ग’ का हिस्सा बनाने के लिए संघर्ष कर रही है। मायावती ने बसपा संस्थापक कांशीराम के 18वें परिनिर्वाण दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ‘एक्स’ पर सिलसिलेवार पोस्ट किया।
कांशीराम को किया नमन
उन्होंने कहा, ‘‘बामसेफ, डीएस4 व बसपा के जन्मदाता एवं संस्थापक बहुजन नायक मान्यवर कांशीराम जी को आज उनके परिनिर्वाण दिवस पर शत-शत नमन व अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित तथा उत्तर प्रदेश एवं देश भर में उन्हें विभिन्न रूपों में श्रद्धांजलि अर्पित करने वाले पार्टी के सभी लोगों व अनुयाइयों का तहेदिल से आभार।’’ बसपा प्रमुख ने विरोधी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘गांधीवादी कांग्रेस व आरएसएसवादी (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) भाजपा व सपा आदि उनकी (बहुजन समाज) हितैषी नहीं बल्कि उनके आत्म-सम्मान व स्वाभिमान आंदोलन की राह में बाधा हैं, जबकि अम्बेडकरवादी बसपा उनकी सही-सच्ची मंजिल है, जो उन्हें मांगने वालों से देने वाला शासक वर्ग बनाने के लिए संघर्षरत है। यही आज के दिन का संदेश है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘देश में करोड़ों लोगों के लिए गरीबी, बेरोजगारी व जातिवादी द्वेष, अन्याय-अत्याचार का लगातार तंग व लाचार जीवन जीने को मजबूर होने से यह साबित है कि सत्ता पर अधिकतर समय काबिज रहने वाली कांग्रेस व भाजपा आदि की सरकारें न तो सही से संविधानवादी रही हैं और न ही उस नाते सच्ची देशभक्त हैं।’’
‘जातिवादी’ लोगों ने बसपा को वोट नहीं दिया
इससे पहले मायावती ने मंगलवार को हरियाणा विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी पराजय के बाद आरोप लगाया कि जाट समाज के ‘‘जातिवादी’’ लोगों ने बसपा को वोट नहीं दिया। दिवंगत जाट नेता पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के परिजनों के नेतृत्व वाले इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के गठबंधन से हरियाणा के चुनाव में उतरी बसपा को एक भी सीट पर जीत न मिलने के बाद मायावती ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हरियाणा विधानसभा चुनाव बसपा व इनेलो ने गठबंधन करके लड़ा, किन्तु आज आए परिणाम से स्पष्ट है कि जाट समाज के जातिवादी लोगों ने बसपा को वोट नहीं दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जिससे बसपा के उम्मीदवार कुछ सीटों पर थोड़े वोटों के अंतर से हार गए, हालांकि बसपा समर्थकों का पूरा वोट मिला है।” मायावती ने अपने श्रृंखलाबद्ध पोस्ट में कहा, ‘‘उप्र के जाट समाज के लोगों ने अपनी जातिवादी मानसिकता को काफी हद तक बदला है और वे बसपा से विधायक तथा सरकार में मंत्री भी बने हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हरियाणा के जाट समाज के लोगों को भी उनके पदचिन्हों पर चलकर अपनी जातिवादी मानसिकता को जरूर बदलना चाहिए, यह खास सलाह है।
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