इंडिया गठबंधन की कमान ममता बनर्जी को सौंपी जाए: लालू यादव
पटना। लोकसभा चुनाव और हाल में ही हुए विधानसभा चुनाव में विपक्ष की हार के बाद इंडिया गठबंधन की कमान ममता बनर्जी को सौंपनी की मांग तेज कर दी गई है। अब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने भी ममता बनर्जी को विपक्षी गठबंधन का नेता बनाने की मांग कर दी है। लालू ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस की आपत्ति का कोई मतलब नहीं है। हम ममता का समर्थन करेंगे। ममता बनर्जी को इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व दिया जाना चाहिए।
लालू यादव का बयान कांग्रेस के लिए झटका
लालू यादव का यह बयान कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि लालू यादव लंबे समय से कांग्रेस के पुराने साथी रहे हैं। लालू यादव की यह मांग कांग्रेस के लिए मुसीबत बन सकती है। गठबंधन में शामिल कुछ दल पहले से ही ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन की कमान सौंपने की वकालत कर चुके हैं।
2015 में बिहार में सरकार बनाने का दावा
लालू यादव ने दावा किया कि बिहार में उनकी पार्टी 2025 में से सरकार बनाने जा रही है। नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि अगले साल बिहार में आरजेडी की सरकार बनने जा रहा है। नीतीश कुमार जिस यात्रा पर जा रहे हैं वह वहां जाएं।
संजय राउत ने कही ये बात
वहीं, शिवसेना(UBT) नेता संजय राउत ने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व पर कोई सवाल नहीं उठा रहा है। वे हम सबके नेता हैं। इंडिया गठबंधन के बारे में अगर हमारे कुछ साथी चाहे TMC हो, चाहे लालू जी, अखिलेश जी हो, उनकी एक अलग राय बनती है। हम सबने मिलकर INDIA गठबंधन बनाया है। अगर कोई नई बात रखना चाहता है और INDIA गठबंधन को ताकत देना चाहता है। तो उसपर विचार होनी चाहिए और कांग्रेस को चर्चा में शामिल होकर अपनी बात रखनी चाहिए।
कीर्ति आज़ाद ने की थी मांग
इससे पहले टीएमसी सांसद कीर्ति आज़ाद ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता को इंडिया ब्लॉक का नेता बनाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि ममता बनर्जी इस पद के लिए 'सबसे उपयुक्त' हैं क्योंकि वह एकमात्र नेता हैं जिन्होंने अपने राज्य - पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बार-बार हराया है।
कांग्रेस नेता बोले- कोई बड़ा और छोटा नहीं
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और बिहार प्रभारी शाहनवाज आलम ने सोमवार को कहा कि इंडिया ब्लॉक में कोई बड़ा या छोटा नहीं है। हमें गठबंधन की वैचारिक नींव को मजबूत करना चाहिए। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को खुद को अन्य गठबंधन सहयोगियों के अधीन नहीं समझना चाहिए।
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