
उप्र में मतदाता सूची की गुणवत्ता सुधारने हेतु ईआरओ के लिए तीन-चरणीय प्रशिक्षण का दूसरा चरण संपन्न
दया शंकर चौधरी
* मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने त्रुटिरहित मतदाता सूची, महिला व युवा मतदाता पंजीकरण, लिंगानुपात सुधार और 18-19 वर्ष आयु वर्ग के मतदाताओं को शामिल करने पर दिया जोर
* प्रशिक्षण में ईआरओ के दायित्व, ईआरओ नेट और बीएलओ ऐप तथा दावों-आपत्तियों के निस्तारण पर चर्चा हुई
लखनऊ। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची (वोटर लिस्ट) की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (ईआरओ) के लिए तीन-चरणों वाला प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया जा रहा है। इसका दूसरा चरण गुरुवार को लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी (उपाम) अलीगंज, लखनऊ में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस सत्र का उद्घाटन प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया और इसमें प्रदेश से आये हुए 130 ईआरओ ने भाग लिया। इससे पूर्व 17 जून को 124 ईआरओ को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
नवदीप रिणवा ने अपने संबोधन में प्रशिक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को त्रुटिमुक्त बनाना है, ताकि इसमें कोई गलती न हो। इसके साथ ही, उन्होंने महिलाओं और युवाओं को मतदाता बनने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। प्रत्येक पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में दर्ज हो, यह हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।
प्रशिक्षण सत्र में मतदाता सूची से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तृत चर्चा हुई। श्री रिणवा ने मतदाता सूची के विधिक पहलुओं तथा रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों एवं बी.एल.ओ. (बूथ लेवल ऑफिसर) के दायित्व एवं कर्तव्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने जोर दिया कि यदि ईआरओ यहां से अच्छे ढंग से प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं, तो वे अपने निचले स्तर पर बी.एल.ओ. और सुपरवाइजरों को छोटे-छोटे समूहों में बेहतर तरीके से प्रशिक्षित कर पाएंगे।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने उन बूथों की पहचान करने का निर्देश दिया जहाँ लिंग अनुपात (जेंडर रेशियो) कम है। ऐसी जगहों पर एक कार्ययोजना के तहत संबंधित बी.एल.ओ. को छोटे-छोटे समूहों में कार्यवाही करने और इसका नियमित अनुश्रवण करने के लिए निर्देशित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, 18-19 वर्ष आयु वर्ग के मतदाताओं के नाम शामिल करने पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। बी.एल.ओ. के माध्यम से संभावित मतदाताओं की पहचान कर उनके नाम नियमानुसार मतदाता सूची में शामिल किए जाएंगे। सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्यीय राजनैतिक दलों को मतदाता सूची की आलेख्य (ड्राफ्ट) और अंतिम प्रकाशन के दिन निःशुल्क प्रतियां उपलब्ध कराई जाएंगी।
रिणवा ने बताया कि इस प्रशिक्षण का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य मतदाता सूची से संबंधित सभी दावे और आपत्तियों का समय पर और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करना है। प्रतिभागियों को ईआरओ नेट और बीएलओ ऐप से संबंधित विभिन्न कार्यवाहियों के बारे में भी गहन प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के अंत में, सभी प्रतिभागियों के मूल्यांकन के लिए एक प्रश्नावली पर परीक्षा भी ली गई, ताकि उनकी समझ और सीख का आकलन किया जा सके।
Leave A Comment
Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).