झारखंड में हो गया JMM के साथ खेला
झारखंड। चुनावी संग्राम के बीच नए-नए ट्विस्ट आते जा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा के बीच आर-पार की लड़ाई है और दोनों दल एक दूसरे को शह-मात देने में जुटे हैं। ऐसे ही एक घटनाक्रम में बीजेपी ने सीएम हेमंत सोरेन को बड़ा झटका दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बरहेट विधानसभा क्षेत्र से नामांकन के प्रस्तावकों में से एक मंडल मुर्मू भाजपा में शामिल हो गए। बीजेपी नेताओं ने आज सोमवार को यह जानकारी दी।
सरमा-चौहान की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल
1855 में संथाल विद्रोह का नेतृत्व करने वाले सिद्धो-कान्हो के वंशज मुर्मू रविवार को केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की उपस्थिति में देवघर में पार्टी में शामिल हुए। सरमा ने एक्स पर पोस्ट किया, सिद्धो-कान्हो के वंशज और हेमंत सोरेन के प्रस्तावक मंडल मुर्मू जी भाजपा परिवार के सदस्य बन गए। उन्होंने कहा, वर्तमान झारखंड सरकार की गलत नीतियों के कारण आदिवासी समाज की संस्कृति खतरे में है, इसलिए समाज का हर वर्ग आज भाजपा से जुड़ रहा है।
मंडल मुर्मू ने क्या कहा
वहीं, मंडल मुर्मू ने बीजेपी में शामिल होने के बाद कहा, सबसे पहले मैं अपने पूर्वजों को नमन करता हूं...सिद्धो-कान्हो, फूलो झानो ने राष्ट्र के लिए अपना बलिदान दिया, मैं उस परिवार से हूं। मैं अपनी इच्छा से भाजपा में शामिल हो रहा हूं। हम संथाल परगना में जनसांख्यिकी को लेकर पहल करेंगे।
जेएमएम ने बताया बीजेपी की साजिश
उधर, इस मुद्दे पर जेएमएम नेता मनोज पांडे ने कहा, यह बहुत बड़ी साजिश थी जिसे हमने नाकाम कर दिया। साजिश थी हेमंत सोरेन का नामांकन रद्द करना। लोकसभा चुनाव के दौरान सूरत में जो हुआ, प्रस्तावक का अपहरण कर लिया गया, उन्हें अपने पक्ष में लाया गया, बयान दिया गया कि उन्होंने हस्ताक्षर नहीं किए। हमें समय पर सूचना मिली कि कुछ लोग और एक बिचौलिया सांसद इसे पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं। हम इसमें भाजपा की कमजोरी देख सकते हैं। अगर वे किसी को राजनीतिक रूप से नहीं हरा सकते हैं, तो वे उनके खिलाफ साजिश रचते हैं। लेकिन हेमंत सोरेन झुकने का नहीं, लड़ने का फैसला लिया है और राज्य के लोगों ने उनके साथ खड़े होने का फैसला किया है।
हेमंत सोरेन की साख पर असर
मुर्मू के बीजेपी से जुड़ने को हेमंत सोरेन की साख के लिए झटका माना जा रहा है। मुर्मू का बीजेपी में शामिल होना सोरेने की किरकिरी का सबब बन सकता है। सोरेन के प्रस्तावक का इस तरह मुख्य विपक्षी दल में शामिल हो जाना, बीजेपी को जेएमएम और सोरेन पर बड़े हमले की वजह देगा। हेमंत के लिए जवाब देना मुश्किल हो सकता है कि जब उनके प्रस्तावक ही उनका साथ नहीं दे रहे तो वह किस तरह पार्टी को एकजुट रख पाएंगे।
बीजेपी ने बरहेट में सोरेन के खिलाफ गैमलियेल हेम्ब्रोम को मैदान में उतारा है। साहिबगंज जिले के बरहेट (एसटी) निर्वाचन क्षेत्र के मौजूदा विधायक हेमंत सोरेन ने 2019 के विधानसभा चुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के साइमन माल्टो पर 25,740 मतों के अंतर से सीट जीती थी। विधानसभा चुनाव दो चरणों में 13 और 20 नवंबर को होंगे, मतगणना 23 नवंबर को होगी।
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