
पुरानी कारों के मालिक हो जाएं सावधान! जल्द लागू होगी यह नीति
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार शहर में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कई कदम उठा रही है इनमें से कई कदम वाहनों को लेकर हैं ऐसी ही एक योजना के तहत सरकार पुराने वाहनों के लिए ईंधन की बिक्री पर रोक लगाने वाली है इस योजना के तहत 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहन और 10 साल से पुराने डीजल वाहन राष्ट्रीय राजधानी के किसी भी फ्यूल स्टेशन से ईंधन नहीं ले पाएंगे।
आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने शुरू में 1 अप्रैल से इस नियम को लागू करने की योजना बनाई थी हालांकि, आवश्यक बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी को सभी फ्यूल स्टेशन पर अभी पूरी तरह से तैनात नहीं किया गया है ऐसे में दिल्ली सरकार अप्रैल 2025 के अंत तक इस नियम को लागू करने की योजना बना रही है।
जानकारी के अनुसार, दिल्ली में अब तक 372 पेट्रोल पंपों और 105 सीएनजी रिफिलिंग स्टेशनों ने वाहनों की उम्र का पता लगाने के लिए कैमरे और जरूरी सिस्टम लगाए गए हैं, इन सिस्टम की मदद से ईंधन की बिक्री की जाएगी सरकार वायु प्रदूषण को रोकने के लिए 'ओवरएज वाहनों के लिए कोई ईंधन नहीं' नीति लागू होगी।
एक रिपोर्ट के अनुसार, शहर के बाकी बचे ईंधन स्टेशनों पर अगले 10-15 दिनों में यह सिस्टम लगा दिया जाएगा। पर्यावरण विभाग के एक अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि "हमने 477 फ्यूल रिफिलिंग स्टेशनों पर डिवाइस लगाने का काम पूरा कर लिया है और अब केवल 23 ही बचे हैं मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा इस प्रक्रिया पर करीबी नजर रख रहे हैं इस महीने के अंत तक पूरी तरह से इसे लगा दिया जाएगा।"
इस साल मार्च में, दिल्ली सरकार ने अपनी योजना के बारे में जानकारी दी है कि राष्ट्रीय राजधानी में फ्यूल पंप क्रमशः 15 और 10 साल से अधिक पुराने वाहनों को पेट्रोल और डीजल नहीं देंगे इसका अर्थ यह है कि अधिक उम्र के वाहनों के मालिक दिल्ली में लगभग 500 ईंधन रिफिलिंग स्टेशनों से फ्यूल फिलिंग नहीं करा पाएंगे। इस योजना का उद्देश्य वाहनों से होने वाले कार्बन उत्सर्जन को रोकना और शहर में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण करना है, जो यहां रहने वाले निवासियों के लिए लगातार चुनौती बना हुआ है।
पुराने वाहनों को फ्यूल नहीं, कैसे काम करेगी यह तकनीक
'No Fuel for Overage Vehicle' नीति को लागू करने के लिए, शहर भर के ईंधन स्टेशनों पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट पहचान (ANPR) कैमरे लगाए जा रहे हैं ये कैमरे वाहनों की रजिस्ट्रेशन प्लेट की तस्वीर कैप्चर करेंगे और रजिस्ट्रेशन वर्ष के आधार पर वाहनों की आयु की पहचान करेंगे।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सिस्टम से जुड़े ये कैमरे यह भी पता लगाएंगे कि वाहन के पास वैध प्रदूषण नियंत्रण (PUC) प्रमाणपत्र है या नहीं अगर किसी वाहन को ओवरएज या प्रदूषण मानदंडों का अनुपालन न करने वाला पाया जाता है, तो पेट्रोल पंप अटेंडेंट को सूचित किया जाएगा और ईंधन भरने से मना कर दिया जाएगा।
दिल्ली सरकार का यह फैसला साल 2018 के सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले से मेल खाता है, जिसमें दिल्ली में 10 साल से पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया था। साल 2014 के नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश में सार्वजनिक क्षेत्रों में 15 साल से पुराने वाहनों की पार्किंग पर रोक लगाई गई है।
साल 2024 में, दिल्ली सरकार ने जीवन-काल समाप्त हो चुके वाहनों के संचालन के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए थे इन दिशा-निर्देशों में कहा गया था कि ऐसे वाहनों को जब्ती से तभी मुक्त किया जा सकता है, जब मालिक उन्हें निजी परिसर में स्थानांतरित कर दें या आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने के बाद उन्हें किसी अन्य राज्य में पंजीकृत करा लें।
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