विशाखापत्तनम में बनेगा भारत का सबसे लंबा ग्लास स्काईवॉक ब्रिज
लखनऊ। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशाखापत्तनम में भारत का सबसे लंबा ग्लास स्काईवॉक ब्रिज बनाया जा रहा है। यह 50 मीटर लंबा होगा और समुद्र और पहाड़ियों के शानदार नजारे पेश करेगा। कैलासगिरी में टाइटैनिक व्यूपॉइंट के करीब स्थित यह कांच का पुल साहसी, उत्साही और प्रकृति प्रेमियों के मन में एक कभी न भूलने वाली यादें छोड़ जाएगा। आइए इसकी 10 बड़ी बातें जानते हैं।
भारत का सबसे लंबा ग्लास स्काईवॉक: विशाखापत्तनम की पहचान जल्द ही भारत के सबसे लंबे कैंटिलीवर ग्लास स्काईवॉक ब्रिज से होगी, जो 50 मीटर लंबा होगा। यह समुद्र और आसपास की पहाड़ियों के शानदार नजारों के साथ एक कभी न भूलने वाला अनुभव प्रदान करेगा।
कैलासगिरि का आकर्षण: ग्लास स्काईवॉक ब्रिज कैलासगिरि में टाइटैनिक व्यूपॉइंट के पास स्थित होगा, जो विशाखापत्तनम के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। यह अपने मनोरम दृश्यों और हरी-भरी हरियाली के लिए जाना जाता है।
6 करोड़ रुपये की परियोजना: पुल के विकास पर लगभग 6 करोड़ रुपये की लागत आने की उम्मीद है। इस क्षेत्र में पर्यटन और अन्य गतिविधियों को बढ़ावा देने की योजना के तहत इसे तैयार किया जा रहा है ज इसे पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बनाता है।
सार्वजनिक-निजी भागीदारी में निर्मित: यह परियोजना सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत विकसित की जा रही है, जिसमें विशाखापत्तनम मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (वीएमआरडीए) आरजे एडवेंचर्स, एसएसएम शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स और भारत माता वेंचर्स की साझेदारी के साथ सहयोग कर रही है।
40 लोगों की क्षमता: कांच के पुल को एक समय में 40 लोगों के बैठने के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे इस पर चलने वालों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
स्काई-साइक्लिंग ट्रैक: स्काईवॉक के अलावा इस परियोजना में दो रोमांचक जिप-लाइनें और स्काई-साइक्लिंग ट्रैक भी शामिल हैं, जो 150 मीटर तक फैले होंगे। ये गतिविधियां पर्यटकों को शानदार पहाड़ियों पर आगे बढ़ने और जमीन से ऊपर साइकिल चलाने का अनुभव देगा।
2 करोड़ का बजट: जिप-लाइन और स्काई-साइक्लिंग ट्रैक कैलासगिरी में पर्यटकों का उत्साह और भी बढ़ाएंगे। ये 2 करोड़ रुपये की अतिरिक्त लागत से विकसित किए जा रहे हैं।
वागामोन ग्लास ब्रिज को पीछे छोड़ देगा: पूरा हो जाने पर कैलासगिरी स्काईवॉक केरल के वागामोन ग्लास ब्रिज को पीछे छोड़ देगा, जिसके पास अभी 40 मीटर लंबा भारत के सबसे लंबे कैंटिलीवर ग्लास ब्रिज का खिताब है।
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