
यूपी के सभी 75 जिलों में सिविल डिफेंस की स्थापना
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी 75 जिलों में नागरिक सुरक्षा विभाग (सिविल डिफेंस) की स्थापना का ऐतिहासिक फैसला लिया है 29 मई की रात को राज्यपाल द्वारा जारी अधिसूचना के तहत शेष 49 जिलों में सिविल डिफेंस इकाइयों का गठन किया गया है यह पहली बार है जब 1962 के बाद पूरे प्रदेश में सिविल डिफेंस की व्यवस्था लागू की गई है इस कदम से आपदा प्रबंधन, जन सुरक्षा और सामुदायिक सहायता को नया बल मिलेगा।
भारत सरकार ने वर्ष 2010 में नागरिक सुरक्षा (संशोधन) अधिनियम-2009 पारित कर आपदा प्रबंधन को भी नागरिक सुरक्षा के दायरे में सम्मिलित किया था अब उत्तर प्रदेश में नागरिक सुरक्षा न केवल रक्षा के दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक जागरूकता एवं आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भी एक मजबूत स्तंभ बनकर उभर रही है।
नागरिक सुरक्षा विभाग की नींव वर्ष 1962 में चीन के आकस्मिक आक्रमण के समय डाली गई थी उस दौर में प्रदेश के 14 संवेदनशील नगरों नरौरा, मथुरा, आगरा, कानपुर, बरेली, झांसी, मुरादाबाद, गोरखपुर, लखनऊ, सहारनपुर, मेरठ, गाजियाबाद, प्रयागराज व वाराणसी में नागरिक सुरक्षा इकाइयों की स्थापना की गई थी इसके उद्देश्य हवाई हमलों के दौरान जन-धन की क्षति को न्यूनतम करने का उद्देश्य था साथ ही औद्योगिक उत्पादन बनाए रखना और जनता का मनोबल मजबूत रखने की मंशा थी बाद में पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर (चंदौली) को वाराणसी से पृथक कर 15वां नगर घोषित किया गया।
वर्षों बाद 30 सितम्बर 2015 को बागपत व मुज़फ्फरनगर तथा 9 मार्च 2021 को 9 अन्य जनपदों गोण्डा, अयोध्या, आज़मगढ़, बांदा, बस्ती, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, अलीगढ़ व मिर्ज़ापुर में नागरिक सुरक्षा का विस्तार हुआ अब शेष सभी 49 जनपदों को भी इस संरचना में सम्मिलित कर लिया गया है इसके बाद प्रदेशभर में आपदा प्रबंधन, जनजागरूकता एवं स्थानीय आपात सेवाओं में नागरिक सुरक्षा की भूमिका प्रभावशाली हो गई है। प्रदेश सरकार द्वारा नागरिक सुरक्षा के अधिकारियों एवं स्वयंसेवकों को सफाई अभियान, पल्स पोलियो अभियान, प्रदूषण मुक्ति अभियान, वातावरण सुरक्षा, अग्निकांड में सहायता, रक्तदान शिविर और अन्य आपदाओं व जनहित के कार्यों में भी सक्रिय रूप से सहयोग करने हेतु निर्देशित किया गया है।
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