
कृषि मंत्री ने कृषि विभाग और कृषि विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश
दया शंकर चौधरी
* जिप्सम आपूर्ति, उर्वरक बिक्री और कृषि वैज्ञानिकों की वेतन विसंगतियों पर लिया संज्ञान
* समीक्षा बैठक में जिप्सम आपूर्ति, कृषि विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन, उर्वरक वितरण और कृषि रक्षा व्यवस्था पर चर्चा की
* समय पर जिप्सम आपूर्ति, विश्वविद्यालयों की कार्ययोजना, किसानों को बिना टैगिंग उर्वरक वितरण, और डिजिटल सर्वे आधारित रोग नियंत्रण पर जोर
* एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु उत्पादन लक्ष्य पूरा करने का आह्वान
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने विधानभवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में कल (18 जून) विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में कृषि विभाग, कृषि विश्वविद्यालयों तथा बीज विकास निगम के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। मंत्री शाही ने बैठक में जिप्सम आपूर्ति में कमी, कृषि विश्वविद्यालयों की कार्यप्रणाली, उर्वरक वितरण व्यवस्था तथा कृषि रक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा की।
कृषि मंत्री ने यूपी एग्रो को निर्देशित किया कि कृषि विभाग द्वारा जारी आपूर्ति आदेश के अनुसार जनपदों में शत-प्रतिशत जिप्सम की समय से आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने जिप्सम आपूर्ति में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने की हिदायत दी। मंत्री शाही ने कृषि विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन पर असंतोष व्यक्त करते हुए विश्वविद्यालयों की स्थापना से अब तक की उपलब्धियों की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्होंने आगामी वर्ष की कार्ययोजना जल्द उपलब्ध कराने को कहा। मंत्री जी ने कृषि विज्ञान केंद्रों एवं कृषि ज्ञान केंद्रों के कृषि वैज्ञानिकों के वेतनमान की विसंगतियों पर भी रिपोर्ट तलब की है। खरीफ सीजन में उर्वरक वितरण की समीक्षा करते हुए मंत्री शाही ने कृषि निदेशक को सख्त निर्देश दिए कि किसानों को उर्वरक वितरण के समय किसी भी प्रकार की टैगिंग न की जाए और किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुसार ही खाद उपलब्ध कराई जाए।
कृषि रक्षा व्यवस्था की समीक्षा में मंत्री शाही ने कहा कि डिजिटल क्रॉप सर्वे के आधार पर फसलों के क्षेत्रफल एवं संभावित रोगों-कीटों के अनुसार समय से पहले कृषि रक्षा रसायनों की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। उन्होंने निदेशालय स्तर पर एक टास्क फोर्स गठित करने के निर्देश भी दिए, जो किसी भी जिले या क्षेत्र में रोग या संक्रमण की स्थिति में निरीक्षण कर किसानों को तत्काल सलाह एवं सहायता प्रदान कर सके। मंत्री शाही ने विशेष रूप से गन्ने की फसल में लाल सड़न रोग के प्रभावी नियंत्रण हेतु तत्काल ठोस कदम उठाने का भी निर्देश दिया।
मंत्री जी ने बताया कि प्रदेश में कृषि रक्षा रसायन विक्रेताओं के 60,000 से अधिक लाइसेंसधारी डीलर किसानों को समय से कीटनाशक और रसायन उपलब्ध कराने में सहायक हो सकते हैं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से खरीफ सीजन में निर्धारित उत्पादन लक्ष्य समय से प्राप्त कर प्रदेश की एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पूरा करने का भी आह्वान किया।
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