
तहव्वुर राणा का अमेरिकी जेल में टाइम हुआ पूरा
न्यूयॉर्क। मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा, जिसे अमेरिका से प्रत्यर्पित किया जा रहा है, जेल ब्यूरो (बीओपी) की हिरासत में नहीं है संघीय कारागार ब्यूरो की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार 8 अप्रैल 2025 तक राणा बीओपी हिरासत में नहीं है। एजेंसी के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि राणा जेल ब्यूरो (बीओपी) की हिरासत में नहीं है हालांकि, कैदी अभी भी किसी अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसी की हिरासत में हो सकता है या पैरोल या निगरानी रिहाई पर हो सकता है। वेबसाइट पर 'कैदी लोकेटर' जानकारी में राणा का रजिस्टर नंबर '22829-424' तथा उसकी आयु, जाति और लिंग अंकित है 64 वर्षीय राणा पाकिस्तान में जन्मा कनाडाई नागरिक है।
वह 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक पाकिस्तानी अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी है सरकारी सूत्रों के अनुसार राणा को जल्द ही भारत प्रत्यर्पित किए जाने की उम्मीद है। भारत से एक टीम अमेरिका गई है इस टीम में विभिन्न एजेसियों के अधिकारी शामिल हैं। अमेरिकी अधिकारियों के साथ सभी कागजी कार्रवाई और कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बहुत अधिक संभावना है कि राणा को जल्द ही प्रत्यर्पित किया जा सकता है।
यह बेहद महत्वपूर्ण घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब कुछ ही दिनों पहले राणा द्वारा भारत प्रत्यर्पण से बचने का अंतिम प्रयास विफल हो गया। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने उसके आवेदन को खारिज कर दिया इससे उसे नृशंस हमलों में न्याय का सामना करने के लिए भारतीय अधिकारियों को सौंपे जाने के करीब पहुंच गया। राणा लॉस एंजिल्स के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद था और उसने 27 फरवरी, 2025 को अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट के एसोसिएट जस्टिस और नौवें सर्किट के सर्किट जस्टिस एलेना कगन के समक्ष बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के लंबित मुकदमे पर रोक लगाने के लिए आपातकालीन आवेदन प्रस्तुत किया था कगन ने पिछले महीने की शुरुआत में आवेदन को अस्वीकार कर दिया था।
इसके बाद राणा ने न्यायमूर्ति कगन को पूर्व में संबोधित बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के मुकदमे के लंबित रहने तक स्थगन के लिए अपना आपातकालीन आवेदन नवीनीकृत किया था साथ ही अनुरोध किया था कि नवीनीकृत आवेदन को अमेरिकी मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स को निर्देशित किया जाए। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर एक नोटिस में कहा गया कि अदालत ने उनके आवेदन को अस्वीकार कर दिया है अपने आपातकालीन आवेदन में राणा ने 13 फरवरी 2025 को बंदी प्रत्यक्षीकरण के लिए दायर अपनी याचिका के गुण-दोष के आधार पर अपने प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग की थी।
Leave A Comment
Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).