रेशम निदेशालय में सिल्क टेस्टिंग लैब का किया गया शुभारंभ
दया शंकर चौधरी
रेशम उद्योग को मिलेगी नई दिशा: मंत्री राकेश सचान ने दिए प्रशिक्षण संस्थान और बजट बढ़ाने के निर्देश
लखनऊ। प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान ने कल लखनऊ स्थित रेशम निदेशालय में विभागीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक की शुरुआत प्रदेश की पहली सिल्क टेस्टिंग लैब और प्रादेशिक को-ऑपरेटिव सेरीकल्चर फेडरेशन लि० के कक्ष के उद्घाटन से हुई। मंत्री ने विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन और उद्योग के विस्तार पर विशेष जोर दिया।
बैठक में मंत्री ने वर्ष 2024-25 में आवंटित बजट का समयबद्ध और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। साथ ही, उन्होंने वर्ष 2025-26 के लिए मुख्यमंत्री रेशम परियोजना में अधिक से अधिक बजट प्रावधान कराने के लिए वित्त विभाग के साथ समन्वय स्थापित करने को कहा। मंत्री ने कहा कि लखनऊ में एक रेशम प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किया जाएगा, जो प्रदेश के युवाओं को कौशल विकास और रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। इसके लिए वर्ष 2025-26 के बजट में प्रावधान किया जाएगा।
मंत्री ने रेशम उद्योग में नवाचार को बढ़ावा देने और योजनाओं के लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि रेशम उद्योग न केवल प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान है, बल्कि यह आर्थिक विकास का भी महत्वपूर्ण स्तंभ है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव बी.एल. मीणा ने बताया कि लखनऊ में स्थापित सिल्क टेस्टिंग लैब प्रदेश की पहली ऐसी लैब है, जहां शुद्ध सिल्क और सिंथेटिक सिल्क में अंतर की जांच की जा सकती है। इससे रेशम व्यापारियों और उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। इसके साथ ही, प्रादेशिक को-ऑपरेटिव सेरीकल्चर फेडरेशन को सक्रिय करने और नई समितियों के गठन की प्रक्रिया भी शुरू की गई है, जिससे उद्योग को मजबूती मिलेगी।
Leave A Comment
Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).