
रेलमंत्री: यात्रियों की आवाजाही को सुचारू बनाने के लिए स्टेशनों पर की गई व्यापक सुरक्षा व्यवस्था
दया शंकर चौधरी
नई दिल्ली। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में प्रश्न काल के दौरान एक सदस्य के प्रश्न का जवाब देते हुए बताया कि त्यौहारों के दौरान यात्रियों की अलग-अलग आवाजाही पैटर्न के कारण प्रत्येक रेलवे स्टेशन पर विशिष्ट परिचालनिक चुनौतियाँ होती हैं। सुरक्षा व्यवस्था और यात्रियों की आवाजाही को सुव्यवस्थित करने के लिए, सभी हितधारकों को शामिल करके स्टेशन विशेष योजनाएँ बनाई जाती हैं, जिनमें राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी), स्थानीय पुलिस और स्थानीय नागरिक प्रशासन शामिल होते हैं और तद्नुसार यात्रियों के अंतः प्रवाह का प्रबंधन करने के लिए कार्रवाई की जाती है।
प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के दौरान यात्रियों की भीड़ को संभालने के लिए की गई व्यवस्था की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि नई अवसंरचना का निर्माण किया गया, जिसमें सात अतिरिक्त प्लेटफार्मों का निर्माण शामिल रहा, जिससे प्रयागराज क्षेत्र के 9 स्टेशनों में कुल प्लेटफॉर्म 48 हो गए हैं। इन स्टेशनों के लिए पहुंच मार्गों को चौड़ा भी किया गया। ताकि तीर्थयात्रियों की सुगम आवाजाही सुनिश्चित हो। कुल मिलाकर, 17 नए स्थायी यात्री आश्रयों का निर्माण किया गया, जिससे इन आश्रयों की क्षमता 21,000 से बढ़कर 1,10,000 से अधिक हो गई। इसके अतिरिक्त, 21 नए उपरि सड़क पुलों और निचले सड़क पुलों का निर्माण किया गया, जिससे क्षेत्र में सभी समपारों को समाप्त किये गए हैं।
रेल मंत्री ने कहा कि महाकुंभ के दौरान सुचारू परिवहन सुनिश्चित करने के लिए एक अच्छी तरह से समन्वित गाड़ी परिचालन योजना लागू की गई। प्रत्येक स्टेशन पर स्वयं का नियंत्रण कक्ष था, जबकि प्रयागराज जंक्शन पर एक केंद्रीय मास्टर नियंत्रण कक्ष था। गाड़ी परिचालन और स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन के लिए मानक संचालन पद्धतियां विकसित की गई थी।
यात्रियों की भीड़-भाड़ को सुचारू बनाने के लिए व्यापक उपाय किए गए हैं, जिसमें प्रमुख स्नान दिनों पर स्टेशनों पर एक तरफ से प्रवेश और निकासी प्वाइंट तथा प्लेटफार्मों, पैदल पार पुलों और रैंप पर एकतरफा आवागमन शामिल है।
उन्होंने बताया कि रेलवे ने महाकुंभ-2025 के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराई जिसमें निगरानी और रियल टाइम मॉनिटरिंग पर जोर दिया गया था। रेलपथों और स्टेशनों के पहुंच मार्गो पर भीड़ प्रबंधन के लिए लगभग 1200 सीसीटीवी कैमरे, जिनमें 116 फेस रिकग्निशन सिस्टम कैमरे और ड्रोन कैमरे शामिल थे, तैनात किए गए थे।
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेल सुरक्षा बल, राजकीय रेलवे पुलिस और अर्थ-सैन्य बलों के 15,000 अतिरिक्त कार्मिकों की तैनाती की गई थी। इसके अलावा, अन्य भीड़ वाले संवेदनशील रेलवे स्टेशनों अर्थात् वाराणसी, अयोध्या, पडित दीनदयाल उपाध्याय दानापुर और नई दिल्ली आदि पर भी अतिरिक्त तैनाती की गई थी।
उन्होंने कहा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पर्याप्त अवसंरचना मौजूद है। इसमें 16 प्लेटफार्म, तीन पैदल पार पुल, पहाड़गंज और अजमेरी गेट दोनों ओर से पहुंच, स्टेशन के सामने बड़े खुले स्थान आदि हैं। त्यौहारों और कुंभ, छठ, होली आदि जैसे आयोजनों के दौरान यात्रियों की अधिक भीड़ को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर नियमित रूप से संभाला जा रहा है।
इसके अलावा, अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास को स्वीकृति दी गई है। अमृत भारत स्टेशन योजना में दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ सतत् आधार पर स्टेशनों के विकास की परिकल्पना की गई है। इसमें प्रत्येक रेलवे स्टेशन की आवश्यकता को देखते हुए स्टेशन तक पहुंच, परिचलन क्षेत्रों, प्रतीक्षालयों, शौचालयों, आवश्यकतानुसार लिफ्टों/स्वचालित सीढ़ियों, स्वच्छता, निःशुल्क वाई-फाई, 'एक स्टेशन एक उत्पाद' जैसी योजनाओं द्वारा स्थानीय उत्पादों के लिए कियोस्क, बेहतर यात्री सूचना प्रणाली, एक्जीक्यूटिव लाउंज, व्यावसायिक बैठकों के लिए निर्दिष्ट स्थान, लैंडस्केपिंग आदि जैसी सुविधाओं में सुधार लाने के लिए मास्टर प्लान तैयार करना और उनका चरणबद्ध कार्यान्वयन करना शामिल हैं।
इस योजना में आवश्यकतानुसार, चरणबद्ध रूप से एवं यथा व्यवहार्य स्टेशन भवन में सुधार, स्टेशन का शहर के दोनों छोरों के साथ एकीकरण, मल्टी-मॉडल एकीकरण, दिव्यांगजनों के लिए सुविधाएं, दीर्घकालिक और पर्यावरण अनुकूल समाधान, गिट्टी रहित पटरियों की व्यवस्था आदि और दीर्घावधि में स्टेशन पर सिटी सेन्टर बनाने की भी परिकल्पना की गई है।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की योजना में दोनों तरफ बड़े नए स्टेशन भवन, यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाओं से युक्त विशाल एयर कॉन्कोर्स, परिवहन के विभिन्न साधनों को जोड़ने वाला मल्टी मोडॉल ट्रांसपोर्ट हब और पार्किंग तथा अन्य सुविधाएं प्रदान करने की परिकल्पना की गई है। पुनर्विकसित स्टेशन में दो स्तरों पर आवागमन प्रदान करने के लिए और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के आसपास के क्षेत्रों में भीड़-भाड़ कम करने के लिए सतही और एलिवेटेड सड़कों का एक नेटवर्क की परिकल्पना की गई है। पर्याप्त सुरक्षा उपायों जैसे सीसीटीवी कैमरे, आवागमन नियंत्रण, आवागमन विनियमन और प्रतीक्षा स्थान आदि की भी परिकल्पना की गई है।
स्टेशनों के विकास और अनुरक्षण के लिए धन आवंटन के विवरण क्षेत्रीय रेल-वार रखे जाते हैं, न कि फुटफॉल-वार या कार्य-वार अथवा स्टेशन-वार। यात्री सुविधाओं का वित्तपोषण सामान्यतः योजना शीर्ष-53 'ग्राहक सुविधाएं' के अन्तर्गत किया जाता है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए योजना शीर्ष 53 के तहत 12,994 करोड़ रुपए (संशोधित अनुमान) का आवंटन किया गया है। दिल्ली का नई दिल्ली रेलवे स्टेशन उत्तर रेलवे जोन के अंतर्गत आता है और योजना शीर्ष-53 'ग्राहक सुविधाएं' के तहत स्टेशनों के विकास और अनुरक्षण के लिए उत्तर रेलवे को आवंटित राशि (संशोधित अनुमान 2024-25) 1531.24 करोड़ रुपए है।
यात्रियों की अधिक भीड़ को संभालने के लिए रेलवे द्वारा नई व्यवस्था के संबंध में निर्णय लिया गया है जिसमें 60 स्टेशनों पर स्थायी होल्डिंग क्षेत्र का निर्माण शामिल है। उन्होंने कहा कि 2024 के त्यौहारों के दौरान, स्टेशनों के बाहर होल्डिंग क्षेत्र बनाए गए। ये प्रतीक्षालय सूरत, उधना, पटना और नई दिल्ली में भारी भीड़ को संभालने में सक्षम थे। यात्रियों को केवल तब अनुमति दी गई जब गाड़ी प्लेटफॉर्म पर आ चुकी थी।महाकुंभ के दौरान प्रयाग क्षेत्र के नौ स्टेशनों पर इसी तरह की व्यवस्था की गई थी। इन स्टेशर्नी पर प्राप्त अनुभव के आधार पर देश भर के 60 स्टेशनों पर जहां समय-समय पर अत्यधिक भीड होती है, वहां स्थायी प्रतीक्षालय बनाने का निर्णय लिया गया है।
प्रायोगिक परियोजनाएँ नई दिल्ली, आनंद विहार वाराणसी, अयोध्या और गाज़ियाबाद के स्टेशर्नी पर शुरू हो गई हैं। इस अवधारणा के अनुसार, अचानक बड़ी भीड़ को प्रतीक्षा क्षेत्र के भीतर नियंत्रित किया जाएगा। यात्रियों को प्लेटफार्मों पर पहुंबचने की अनुमति केडम तब दी जाएगी जब गाड़ियां प्लेटफार्म पर पहुंच जाए। इससे स्टेशानी पर भीड कम होगी।
एक्सेस कंट्रोल
* 60 स्टेशनों पर कंप्लीट एक्सेस कंट्रोल की शुरुआत की जाएगी।
* कंफर्म आरक्षित टिकट वाले यात्रियों को प्लेटफार्मों पर सीधे एक्सेस दिया जाएगा।
* बिना टिकट या प्रतीक्षा सूची टिकट वाले यात्री बाहर के प्रतीक्षालय में इंतजार करेंगे।
* सभी अनधिकृत एंट्री प्वाइंट को सील कर दिया जाएगा।
चौड़े पैदल पार पुल: 12 मीटर चौड़े (40 फीट) और 6 मीटर चौड़े (20 फीट) मानक पैदल पार पुल के दो नए डिज़ाइन विकसित किए गए हैं। रैंप वाले ये चौड़े पैदल पार पुल महाकुंभ के दौरान जन प्रबंधन में बहुत प्रभावी थे। ये नए मानक चौड़े पैदल पार पुल सभी स्टेशनों पर स्थापित किए जाएंगे।
कैमरेः महाकुंभ के दौरान भीड़ प्रबंधन में कैमरों की बड़ी भूमिका रही। सभी स्टेशनों और आस-पास के क्षेत्रों में गहन निगरानी के लिए बड़ी संख्या में कैमरे स्थापित किए जाएंगे।
वार रूमः बड़े स्टेशनों पर वार रूम विकसित किए जाएंगे। भीड़ की स्थिति के दौरान सभी विभागों के अधिकारी वार रूम में काम करेंगे।
नई पीढ़ी के संचार उपकरणः भारी भीड़ वाले सभी स्टेशनों पर वॉकी-टॉकी, घोषणा प्रणाली, कॉलिंग प्रणाली जैसे नवीनतम डिज़ाइन के डिजिटल संचार उपकरण स्थापित किए जाएंगे।
नए डिज़ाइन का आईडी कार्ड: सभी कर्मचारियों और सेवा व्यक्तियों को एक नए डिज़ाइन का पहचान पत्र दिया जाएगा ताकि केवल अधिकृत व्यक्ति ही स्टेशन में प्रवेश कर सकें।
कर्मचारियों के लिए नए डिजाइन की वर्दीः सभी सदस्य कर्मचारियों को नए डिजाइन की वर्दियां दी जाएंगी ताकि उन्हें संकट की स्थिति में आसानी से पहचाना जा सके।
स्टेशन निदेशक पद का उन्नयनः सभी प्रमुख स्टेशनों पर एक वरिष्ठ अधिकारी को स्टेशन निदेशक के रूप में नियुक्त किया जाएगा। सभी अन्य विभाग स्टेशन निदेशक को रिपोर्ट करेंगे। स्टेशन निदेशक को वितीय सशक्तिकरण मिलेगा ताकि वह स्टेशन सुधार के लिए तत्काल निर्णय ले सके।
क्षमता के अनुसार टिकटों की बिक्रीः स्टेशन निदेशक को स्टेशन की क्षमता और उपलब्ध गाड़ियों के अनुसार टिकटों की बिक्री को नियंत्रित करने का अधिकार होगा। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिन से चौबीसों घंटे निगरानी की जा रही है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है।
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