
जन औषधि केंद्र खोलने से बदल सकती है आपकी किस्मत
लखनऊ। अगर आप अपना जन औषधि केंद्र खोलना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए हैं क्योंकि बहुत से लोगों लोगों को यह पता नहीं होता है दवा की दुकान खोलने के लिए उन्हें क्या करना होता है, लाइसेंस कैसे मिलता है ऐसे में खाद्य एवं सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के ड्रग्स इंस्पेक्टर संदेश मौर्या ने लाइसेंस और वित्तीय मदद को लेकर बताया है।
संदेश मौर्या ने बताया कि भारत, दुनिया में जेनेरिक दवाइयों के बड़े निर्याताओं में से एक है। ब्रांडेड जेनेरिक दवाइयां, जेनेरिक दवाइयों की तुलना में काफी महंगी होती हैं चिकित्सीय असर दोनों दवाइयों का एक समान ही होता है भारत सरकार के रसायन एवं ऊर्वरक मंत्रालय के तहत औषध विभाग द्वारा इस खर्च को कम करने के लिए कई नियामक और राजकोषीय उपाय समय-समय पर किए जा रहे हैं।
ऑनलाइन होता है आवेदन: संदेश मौर्या ने बताया कि जन औषधि केंद्र खोलने के लिए देश के विभिन्न जिलों से ऑनलाइन आवेदन के लिए http://janaushadhi.gov.in/ पर जाना होता है उन्होंने कहा कि जन औषधि केंद्र खोलने पर सरकार द्वारा संचालकों को विभिन्न प्रकार से वित्तीय सहायता दी जाती है। जन औषधि केंद्र संचालकों को मासिक खरीद पर 20% की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, जिसकी अधिकतम सीमा 20 हजार रुपए प्रति माह होगी इसे दवाओं की न्यूनतम भंडारण अनिवार्यता से जोड़ा जाएगा।
महिला उद्यमी, दिव्यांग, एससी/एसटी, भूतपूर्व सैनिक, उत्तर-पूर्वी राज्यों, हिमालय पर्वतीय क्षेत्रों, द्वीप समूहों एवं आकांक्षी जिलों में जन औषधि केंद्र संचालकों को 2.00 लाख रुपए की अतिरिक्त वित्तीय सहायता दी जाती है यह वित्तीय सहायता आईटी और इंफ्रा व्यय के लिए प्रतिपूर्ति के रूप में एक मुश्त दिया जाता है।
डी.फार्मा/बी.फार्मा डिग्री है जरूरी: संदेश मौर्या ने बताया कि प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोलने के लिए पात्रता-व्यक्तिगत आवेदकों के पास डी.फार्मा/बी.फार्मा डिग्री होनी चाहिए या फिर किसी डी.फार्मा/बी.फार्मा डिग्री धारक को नियुक्त करना होगा। आवेदन जमा करते समय या अंतिम स्वीकृति के समय इसका प्रमाण प्रस्तुत करना होगा मेडिकल कॉलेजों एवं सरकारी अस्पतालों में जन औषधि केंद्र खोलने के लिए मेडिकल कॉलेज एवं सरकारी अस्पताल के प्रबंधन द्वारा चयनित किसी एजेंसी, प्रतिष्ठित एनजीओ/धर्मार्थ संगठन भी पात्र होंगे। प्राइमेरी ऐग्रिकल्चर क्रेडिट सोसायटी (PACS) के अंतर्गत सहकारी-क्षेत्र भी बेहतर कवरेज के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जैन औषधि केंद्र खोलने के लिए योग्य हैं।
दवाएं एवं अन्य उत्पाद: उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के अंतर्गत 2110 प्रकार की उच्च गुणवत्ता की दवाएं और 315 शल्य चिकित्सा उपकरणा एवं विभिन्न प्रकार के न्यूट्रास्यूटिकल उत्पाद जैसे प्रोटीन पाउडर, माल्ट-बेस्ड फूड सप्लीमेंट्स, इत्यादि शामिल है।
जन औषधि खोलने के लिए आवश्यकता
- प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोलने के लिए कम से कम 120 वर्ग फुट की जगह जो कि आवेदक की खुद की हो या किराए पर ली गयी हो।
- जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदनकर्ता जगह की स्वयं व्यवस्था करेगा। पीएमबीआई की इसमें कोई भूमिका नहीं होगी।
- फार्मासिस्ट पंजीकरण प्रमाण पत्र, आवेदक के द्वारा जमा कराया जाएगा।
- यदि आवेदक महिला उद्यमी, दिव्यांग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, भूतपूर्व सैनिक, आकांक्षी जिला, उत्तर-पूर्वी राज्य, हिमालय पर्वतीय क्षेत्र, द्वीप समूह में अधिसूचित किया गया है, तो उसे आवेदन करते समय वैध प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
- एक बार आवेदक द्वारा श्रेणी का चयन कर लिए जाने के बाद आवेदक भविष्य में किसी भी कारण से इसमें परिवर्तन नहीं कर सकेगा।
- आवेदन का शुल्क 5,000 रुपया है, जो कि वापस नहीं किया जाएगा।
- महिला उद्यमी, दिव्यांग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, भूतपूर्व सैनिक, आकांक्षी जिला, उत्तर-पूर्वी राज्य, हिमालय पर्वतीय क्षेत्र, द्वीप समूह में अधिसूचित आवेदकों को आवेदन शुल्क में छूट है।
- इसके लिए आवेदकों को वैध प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
- देशभर में 31 मार्च 2027 तक 25,000 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य सरकार ने निर्धारित किया है
- दो जन औषधि केंद्रों के बीच की दूरी 1.5 किमी से घटाकर अब 1 किमी कर दी गई है।
जरूरी दस्तावेज
आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक स्टेटमेंट, ऑनरशिप प्रूफ (हाउस टैक्स, रजिस्ट्री कॉपी), रेंट एग्रीमेंट।
सस्ती होती हैं जेनेरिक दवाएं: संदेश मौर्या ने बताया कि जन औषधि केंद्र में बहुत कम दाम में मरीजों को दवाएं उपलब्ध हो जाती हैं भारत में मिलने वाली 87 फीसदी दवाइयां ब्रांडेड जेनेरिक हैं यानी, ब्रांड के नाम के साथ बेची जाने वाली जेनेरिक दवाइयां उन्होंने कहा कि इसके अलावा कुछ आयुर्वेदिक उत्पाद जैसे कि च्यवनप्राश, त्रिफला एवं शिलाजीत इत्यादि को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा पीएमबीआई उत्पाद के विस्तार के लिए एफएसएसएआई के तहत विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी खाद्य उत्पादों के तहत कुछ आयुर्वेदिक उत्पादों को शामिल करने पर काम किया जा रहा है इसके साथ ही प्रयोगशाला अभिकर्मकों को छोड़कर आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) में शामिल सभी जेनेरिक दवाएं पीएम जन औषधि दवाओं में शामिल हैं।
36 डिस्ट्रीब्यूटर्स की नियुक्ति: ड्रग्स इंस्पेक्टर संदेश मौर्या ने बताया कि जन औषधि केंद्रों पर बिकने वाली दवाइयों को डब्लूएचओ-जीएमपी सर्टिफाइड दवा उत्पादक कंपनियों से ही खरीदा जाता है। देश के हर हिस्से में दवाइयां पहुंचाने के लिए एक बेहतर व्यवस्था की गई है इसके लिए डब्लूएचओ गाइडलाइंस पर आधारित केंद्रीय गोदाम गुरुग्राम एवं तीन क्षेत्रीय गोदाम गुवाहाटी, चेन्नई, सूरत एवं बेंगलुरू में हैं इनमें लगभग 2,15,000 वर्ग फीट भंडारण क्षेत्र है इसके अलावा 36 डिस्ट्रीब्यूटर की भी नियुक्ति की गई है, जहां से देश भर के जन औषधि केंद्रों को दवाइयां मुहैया कराई जाती हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गोदाम, क्षेत्रीय गोदाम, डिस्ट्रीब्यूटर एवं जन औषधि केंद्रों को पूरी तरह से एसएपी आधारित सॉफ्टवेयर से जोड़ा गया है साथ ही साथ सभी केंद्रों पर पॉइंट ऑफ सेल सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन भी लगाया गया है, जिससे दवाइयों की आपूर्ति ठीक तरह से हो सके।
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