ब्रिटेन में आम चुनाव से पहले नए सर्वे ने बढ़ाई PM ऋषि सुनक की टेंशन
नई दिल्ली। ब्रिटेन में इस साल आम चुनाव हो सकते हैं। हाल ही में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने खुद इस बात का संकेत दिया था कि इस साल के अंत में चुनाव कराए जा सकते हैं। इस बीच ब्रिटेन में होने वाले चुनाव से पहले एक सर्वे सामने आया है। सर्वे में चौंकाने वाला दावा किया गया है। चुनाव को लेकर आए सर्वे में कहा गया है कि आगामी आम चुनाव में ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक को झटका लग सकता है। ब्रिटिश आम चुनाव को लेकर आए सर्वे में 18 हजार से अधिक लोगों की राय को शामिल किया गया है। सर्वें में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी के सफाए की भविष्यवाणी की गई है। सर्वे में विपक्षी लेबर पार्टी को 403 सीटें जीतने का अनुमान लगाया गया, जो बहुमत के लिए जरूरी 326 सीटें से अधिक है।
कम हुई सुनक की लोकप्रियता
बुधवार को YouGov की ओर से 18000 लोगों पर किए गए सर्वे में कहा गया है कि आंकडे बताते हैं कि ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक की लोकप्रियता में गिरावट आई है। इतना ही नहीं ये हार 1997 में पूर्व प्रधानमंत्री जॉन मेजर के शासनकाल से भी बुरी होगी। जब टोनी ब्लेयर के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी ने उन्हें हराया था। तब टोरी पार्टी को 165 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं, ब्लेयर ने 659 हाउस ऑफ कॉमन्स सीटों में से 418 सीटें जीतीं थीं।
मंत्रियों की हो सकती है हार
इस सर्वे को लेकर पूर्व ब्रेक्सिट सचिव और पीएम सुनक के बड़े आलोचक लॉर्ड डेविड फ्रॉस्ट ने टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि नए सर्वे के मुतबिक कंजर्वेटिव पार्टी हताश हो गई है। संसद के सबसे प्रमुख सदस्य जो अपनी हाउस ऑफ कॉमन्स सीट खो सकते हैं, उनमें चांसलर जेरेमी हंट, विज्ञान मंत्री मिशेल डोनेलन और मंत्री माइकल गोव शामिल हैं। इतना ही नहीं चुनाव से पहले आए अधिकांश सर्वे में कंजर्वेटिवों के मुकाबले लेबर पार्टी को बढ़त मिलती हुई दिखाई दे रही है।
क्या कहता है बेस्ट फॉर ब्रिटेन का सर्वे
गौरतलब है कि, YouGov से पहले हाल ही में बेस्ट फॉर ब्रिटेन का सर्वे भी सामने आया था। इस सर्वे में यहां तक कहा गया था कि प्रधानमंत्री सुनक खुद अपनी सीट भी नहीं बचा पाएंगे। सर्वे में कहा गया था कि सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी को आम चुनाव में बड़ी हार का सामना करना पड़ सकता है। बेस्ट फॉर ब्रिटेन ने इस सर्वे से पहले 15,029 लोगों की राय ली थी। सर्वे के आधार पर बनी रिपोर्ट में विपक्षी लेबर पार्टी को 45 प्रतिशत वोट शेयर के साथ कंजर्वेटिव की तुलना में 19 फीसदी की बढ़त के साथ शीर्ष पर रखा गया था। इसमें यह भी कहा गया कि लेबर पार्टी को इस बार 100 से भी कम सीटों पर सिमट सकती है।
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