महाकुंभ: आपात स्थीतियों से निपटने के लिए एनडीआरएफ टीमों ने किया मेगा मॉक अभ्यास
दया शंकर चौधरी
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 के भव्य, सुरक्षित और सफल आयोजन को सुनिश्चित करने तथा किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए शनिवार (04 जनवरी) प्रयागराज में उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तत्वावधान में एनडीआरएफ ने प्रयागराज मेला प्राधिकरण और अन्य एजेंसियों के साथ मेगा मॉक अभ्यास में भाग लिया। इस अभ्यास का उद्देश्य प्रयागराज मेला प्राधिकरण, जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, पुलिस, जल पुलिस, अग्निशमन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, और अन्य महत्वपूर्ण एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करना था।
इस मेगा मॉक अभ्यास में एनडीआरएफ की सभी विशेष टीमों (फ्लड वॉटर रेस्क्यू, कॉलैप्स्ड स्ट्रक्चर सर्च एंड रेस्क्यू, और केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल एवं न्यूक्लियर आपदाओं की प्रतिक्रिया टीम) ने मोहसिन शहीदी, उप महानिरीक्षक (प्रचालन) के मार्गदर्शन और मनोज कुमार शर्मा, उप महानिरीक्षक (नोडल अधिकारी एनडीआरएफ), के दिशा-निर्देशन में भाग लिया।
अभ्यास के दौरान महाकुंभ मेला क्षेत्र के विभिन्न सेक्टरों में संभावित आपदा परिदृश्यों का अभ्यास किया गया, जिनमें नदी में डूबने की घटना, भगदड़, पीपा पुल से श्रद्धालुओं का गिरना, नदी में यात्री नाव का पलटना, आग लगने की घटना, रेलवे स्टेशन पर भगदड़ और CBRN (केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर) आपात स्थिति शामिल थीं।
अभ्यास के दौरिन आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए एनडीआरएफ टीमों को तुरंत सूचित किया गया। घटनास्थल पर पहुंचते ही टीमों ने प्रारंभिक आंकलन किया और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। एनडीआरएफ टीमों ने विभिन्न तकनीकों का उपयोग कर गंभीर रूप से घायलों को सुरक्षित निकाला। मेडिकल एजेंसियों ने प्राथमिक उपचार प्रदान किया और पीड़ितों को बेहतर चिकित्सा सुविधाओं के लिए अस्पताल भेजा।
इस पूरे अभ्यास के दौरान इंसिडेंट रिस्पॉन्स सिस्टम (IRS) के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया गया। अभ्यास के उपरांत सभी हितधारकों, जैसे नागरिक पुलिस, जल पुलिस, यातायात पुलिस, फायर ब्रिगेड, एसडीआरएफ, और चिकित्सा विभाग, ने अपने कार्यों की समीक्षा की और भविष्य की तैयारियों की प्रतिबद्धता दोहराई।
उप महानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा (नोडल अधिकारी एनडीआरएफ) ने कहा, महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। एनडीआरएफ की 20 टीमों को महाकुंभ के दौरान तैनात किया गया है। एनडीआरएफ किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने में पूरी तरह सक्षम है और अत्याधुनिक राहत एवं बचाव उपकरणों के साथ महाकुंभ को सुरक्षित और सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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