लखनऊः 147 बसों के चलने से सुगम होगी परिवहन व्यवस्था
लखनऊ। परमिट के अभाव में खड़े एक हजार ऑटो-टेंपो फिर सड़क पर उतर सकेंगे। मंडलायुक्त की अध्यक्षता में हुई संभागीय परिवहन प्राधिकण (आरटीए) की बैठक में ऑटो-टेंपो परमिट का नवीनीकरण शुल्क को अधिकतम 10 हजार रुपये कर दिया गया है। लखीमपुर, सीतापुर और हरदोई से सटे कई इलाकों तक प्राइवेट बस संचालन के लिए निजी मोटर मालिकों के 147 आवेदनों को भी मंजूरी दे दी गई।
आरटीए सचिव संजय कुमार तिवारी ने बताया कि बैठक में 16 बिंदुओं पर चर्चा की गई। इनमें छह बिंदुओं पर मंडलायुक्त ने निर्णय लिया है। न्यायालयों में लंबित मामलों पर शपथ पत्र दाखिल कराने के भी निर्देश दिए गए। परमिट नवीनीकरण के अभाव में खड़े करीब 1000 ऑटो-टेंपो दोबारा सड़क पर उतरेंगे। दरअसल, ऑटो-टेंपो के परमिट नवीनीकरण में देरी पर प्रतिदिन 50 रुपये जुर्माना लिया जा रहा है। इससे बचने के लिए मालिकों ने ऑटो-टेंपो चलाना बंद कर दिया था। इसको संज्ञान में लेकर मंडलायुक्त ने स्थायी परमिटों के नवीनीकरण के लिए विलंब शुल्क में संशोधन करते हुए अधिकतम 10 हजार कर दिया गया। लखनऊ परिक्षेत्र में 500 बाइक टैक्सी के परमिट को भी मंजूरी दी गई है। इसके लिए पेट्रोल से चलने वाले दोपहिया वाहनों को बाइक टैक्सी में बदलने के लिए पूर्व में लगी सीएनजी रिट्रोफिटमेंट की शर्त को हटा लिया गया है।
इन मार्गों पर चलेंगी निजी बसें
लखीमपुर-तिकोनिया वाया पचपेड़ीघाट तक और सीतापुर-कस्ता-गोला-कुकराटाउन तक के 16 किमी क्षेत्र को बढ़ाकर भीरा तक।
निघासन पर पीपों के पुल बंद होने के कारण वैकल्पिक मार्ग लखीमपुर से टेढ़वी मोड़ से ढखेरवा, शारदानगर होकर निघासन तक।
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