भीषण सर्दी में लकवा का शिकार हो रहे लखनऊवासी
लखनऊ। भीषण सर्दी, गलन, बर्फीली हवाएं और लापरवाही से लोग लकवा (पैरालिसिस) के शिकार हो रहे हैं। अस्पतालों की इमरजेंसी में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है। गंभीर मरीजों को केजीएमयू और लोहिया संस्थान किया जा रहा। चिकित्सक लकवा से बचाव के लिए जागरूक भी कर रहे हैं।
बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी के ईएमओ डॉ. सर्वेश ने बताया इमरजेंसी में प्रतिदिन पैरालिसिस के 5 से 7 मरीज आ रहे हैं। लकवे के अटैक के पीछे की वजह रक्तचाप में अचानक बदलाव होना होता है, यानी नार्मल चल रहे ब्लड प्रेशर का अचानक बढ़ना या घटना। उन्होंने कहा कि, ज्यादातर लोग लापरवाही के कारण लकवा की चपेट में आ जाते हैं। सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने भी बताया कि लकवा अटैक के मरीजाें की संख्या बढ़ी है।
केजीएमयू एनस्थीसिया विभाग की डॉ. रजनी गुप्ता ने बताया कि ठंड में ब्रेन और हार्ट स्ट्रोक के मरीज बढ़ जाते हैं। ब्रेन स्ट्रोक में दिमाग को खून पहुंचाने वाली नसों में थक्का जम जाता है। सिर के जिस हिस्से में खून का थक्का जमता है, उस तरफ के अंग में ताकत कम हो जाती है। स्ट्रोक के समय शुरुआती छह घंटे अहम होते हैं। समुचित इलाज से मरीज सामान्य लोगों जैसा जीवन जी सकते हैं। उन्होंने बताया कि स्ट्रोक के लक्षणों को पहचाने की जरूरत है। स्ट्रोक से चेहरा भी टेढ़ा हो सकता है। शारीरिक व्यायाम करने से लकवा से बचा जा सकता है। बीमारी सबसे ज्यादा उन लोगों पर अटैक करती है जिनको पूर्व से ब्लड प्रेशर या लीवर, किडनी, या हार्ट संबंधी बीमारी हो। बुजुर्गों का अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है।
ठंड में लकवे से बचने के उपाय
- तनाव मुक्त रहें
- गर्म कपड़े पहनें, गुनगुना पानी पिएं
- गर्म तासीर वाला भोजन करें
- शरीर में ठंडा तेल न लगाएं
- धूप में ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं
- कंबल से उठते समय आधा घंटे पहले तक बैठे रहें
- बिस्तर छोड़ने पर पैरों को एक मिनट लटकाएं रखें
- नहाते समय सबसे पहले पैरों पर पानी डालें
- अलाव तापने के बाद सीधे ठंड में जाने से बचें
- ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण रखें
लकवा के प्रमुख लक्षण
- सिर दर्द
- मुंह से लार आना
- चेहरा टेढ़ा हो जाना
- सांस लेने में दिक्कत
- सोचने-समझने में दिक्कत
- देखने व सुनने की क्षमता में कमी
- मांसपेशियों में कमज़ोरी, ऐंठन, और दर्द
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