
KGMU, दिल्ली AIIMS के बाद सुविधा देने वाला देश का दूसरा ट्रॉमा सेंटर
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) के ट्रॉमा सेंटर में गंभीर बच्चों के लिए दो बेड आरक्षित कर विशेषज्ञों की टीम बनाई गई है। दिल्ली एम्स के बाद केजीएमयू देश का दूसरा ट्रॉमा सेंटर है, जहां बच्चों के ट्रॉमा के लिए समर्पित टीम संस्थापित की गई है। KGMU ट्रॉमा सेंटर के मुख्य अधीक्षक डॉ. प्रेमराज सिंह ने बताया कि कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद के नेतृत्व में अहम कदम उठाया गया है।
उन्होंने बताया कि बच्चों में ट्रॉमा के मामले करीब 13 से 15 फीसदी तक होते हैं। बच्चों की शारीरिक रचना, क्रिया और भावनात्मक प्रतिक्रिया वयस्कों से भिन्न होती है, इसलिए उनके इलाज के लिए विशेष व्यवस्था जरूरी है। इसके लिए बहु विशेषज्ञ टीम का गठन किया गया है।
टीम में एनेस्थीसिया विशेषज्ञ, ट्रॉमा सर्जन, बाल रोग विशेषज्ञ, बाल शल्य चिकित्सक, बाल अस्थि रोग विशेषज्ञ और क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ शामिल हैं। ये टीम सुनिश्चित करेगी कि बच्चों को समय पर केंद्रित और संवेदनशील देखभाल मिल सके, जिससे आपातकालीन स्थिति में बच्चे को तुरंत बेहतर इलाज देकर बचाया जा सके।
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