खतरे में Google Chrome यूजर्स! तुरंत करें ये काम
लखनऊ। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत काम करने वाली इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ने गूगल क्रोम यूजर्स के लिए अलर्ट जारी किया है। सर्ट-इन ने यूजर्स को गूगल क्रोम और प्रोडक्ट में कमजोरियों के बारे में आगाह किया है। हैकर्स द्वारा इन कमजोरियों का फायदा उठाया जा सकता है और आपके डिवाइस को निशाना बनाया जा सकता है।
गूगल क्रोम के इन वर्जन के लिए जारी हुआ अलर्ट
CERT-In ने कहा, डेस्कटॉप के लिए गूगल क्रोम में एक कमजोरी की सूचना दी गई है, जिसका उपयोग रिमोट हमलावर द्वारा लक्षित सिस्टम को मैलवेयर से इंजेक्ट करने के लिए किया जा सकता है। सर्ट-इन की एडवाइजरी में गूगल क्रोम के प्रभावित वर्जन वे हैं जो विंडोज और मैक के लिए 125.0.6422.112/.113 से पहले और के लिए 125.0.6422.112 से पहले जारी किए गए थे। यानी यदि आप भी इन वर्जन का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको तुरंत गूगल क्रोम को अपडेट कर लेना चाहिए।
V8 में 'टाइप कन्फ्यूजन' बग के कारण डेस्कटॉप के लिए गूगल क्रोम में 'रिमोट कोड एग्जीक्यूशन' किया जा सकता है। साइबर अपराधी स्पेशियली क्राफ्टेड रिक्वेस्ट भेजकर इस कमजोरी का फायदा उठा सकता है।
सीमेंस के ये प्रोडक्ट हुए प्रभावित
प्रभावित सीमेंस प्रोडक्ट्स में पैरासोलिड, सिमेटिक आरटीएलएस, सिमसेंटर नास्ट्रान, सिमेटिक सीएन 4100, रग्डकॉम, सॉलिड एज, टीमसेंटर विज़ुअलाइज़ेशन, जेटी2गो, सीपीसी80 और सीपीसीआई85 शामिल हैं। इसके अलावा, साइबर एजेंसी ने कहा कि सीमेंस प्रोडक्ट्स में कई अन्य कमजोरियां भी देखी गई हैं। जिनकी मदद से हैकर्स आपके सिस्टम को निशाना बना सकते हैं और उसे अपने कंट्रोल में ले सकते हैं।
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