
गर्मियों में गेहूं के आटे में मिलाकर खाएं ये चीज, पेट रहेगा ठंडा
गर्मियों में शरीर को अंदर से ठंडा रखना और पाचन तंत्र को दुरुस्त रखना बहुत जरूरी है। तेज धूप, वातावरण में गर्म लहरें और बढ़ते तापमान के कारण हम गर्मियों में स्वस्थ रहने के लिए अपने आहार में ठंडी चीजों को शामिल करते हैं इसी तरह अगर आप खानपान में थोड़ी सी भी लापरवाही करते हैं, तो कब्ज, गैस, एसिडिटी और डिहाइड्रेशन जैसी पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं ऐसे में जरूरी है कि आप अपने आहार में ऐसी चीजों को शामिल करें जो शरीर को ठंडक पहुंचाएं और पाचन क्रिया को बेहतर बनाएं...
भारतीय घरों में गेहूं के आटे से बनी चपाती के बिना कोई भी भोजन पूरा नहीं होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप गेहूं के आटे में एक चीज मिलाते हैं तो यह न सिर्फ आपके शरीर को ठंडा रखता है बल्कि आपको कई फायदे भी पहुंचाता है। डॉ. पीवी राव से हम जानेंगे कि शरीर को ठंडा रखने के लिए गेहूं के आटे में क्या मिलाना चाहिए...
गेहूं के आटे में जौ मिलाएं
वरिष्ठ डायबिटीज रोग विशेषज्ञ डॉ. पीवी राव का कहना है कि बदलती जीवनशैली और गलत खान-पान की वजह से लोग कम उम्र में ही कब्ज और एसिडिटी की समस्या से जूझ रहे हैं हर भारतीय घर में लगभग हर दिन रोटी बनती है। कई लोगों को रोटी खाए बिना पेट नहीं भरता है ऐसे में अगर गेहूं के आटे के साथ जौ का आटा मिला दिया जाए तो रोटी का स्वाद और फायदे दोनों बढ़ जाते हैं। दरअसल, जौ एक ऐसा अनाज है जो गर्मियों में शरीर और पेट को ठंडा रखने में काफी कारगर माना जाता है अगर आप अपने आहार में छोटे-छोटे बदलाव करते हैं तो आप बिना किसी दवा के कई समस्याओं से बच सकते हैं अपने नियमित गेहूं के आटे में जौ का आटा मिलाकर रोटियां बनाएं और खाएं, इसके अद्भुत फायदे आप खुद ही महसूस करेंगे।
जौ के आटे को गेहूं के आटे के साथ क्यों मिलाना चाहिए?
जौ का स्वाद हल्का मीठा होता है और इसकी तासीर ठंडी होती है. जब इसे गेहूं के आटे के साथ मिलाकर रोटी बनाई जाती है, तो यह स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ सेहत के लिए भी लाभकारी बन जाता है. खासकर गर्मियों में इसका सेवन शरीर को ठंडा रखता है और पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है.
गेहूं के आटे के साथ जौ मिलाकर खाने के फायदे
पेट को ठंडा रखता है: जौ की तासीर ठंडी होती है, जो गर्मियों में सेवन करने पर शरीर के तापमान को संतुलित रखने में मदद करती है इसका सेवन आपको हीटस्ट्रोक से बचाता है और डिहाइड्रेशन के खतरे को कम करता है।
कब्ज से राहत: जौ में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जो आंतों को साफ करने में मदद करता है यह उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जिन्हें अक्सर कब्ज की समस्या रहती है।
पेट फूलने और गैस की समस्या से दिलाता है राहत: जौ का सेवन करने से पेट में गैस बनने से रोकता है और भूख को भी नियंत्रित करता है यह एक प्राकृतिक डिटॉक्स की तरह काम करता है इसलिए गर्मियों में इसका सेवन बहुत फायदेमंद होता है।
वजन घटाने में मददगार: चूंकि इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, इसलिए इसके सेवन से पेट लंबे समय तक भरा रहता है इससे ओवरईटिंग पर नियंत्रण करने और वजन कम करने में मदद मिलती है।
शुगर लेवल को करता है कंट्रोल: जौ का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है, इसलिए डायबिटीज के मरीज इससे बनी रोटी भी आसानी से खा सकते हैं इसमें मौजूद बीटा-ग्लूकेन ब्लड फ्लो में शुगर के अवशोषण को धीमा कर देता है यह ब्लड शुगर लेवल को बढ़ने से रोकने में मदद करता है विशेषज्ञों का कहना है कि यह डायबिटीज के खतरे को कम करने में मदद करता है।
कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मददगार: जौ में मौजूद घुलनशील फाइबर तत्व खास तौर पर इसके बीटा-ग्लूकेन्स कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद कर सकते हैं। हाई कोलेस्ट्रॉल से हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए उच्च कोलेस्ट्रॉल को रोकना या प्रबंधित करना महत्वपूर्ण है।
जौ क्या है?
जौ एक साबुत अनाज है जिसका इस्तेमाल आमतौर पर ब्रेड, स्टू, सलाद और साइड डिश में किया जाता है यह फाइबर और मिनरल्स से भरपूर होता है, जो हार्ट, मेटाबॉलिज्म और डाइजेशन हेल्थ का समर्थन करते हैं। जौ ग्लूटेन का एक स्रोत है, इसलिए यह सीलिएक रोग (celiac disease) या ग्लूटेन संवेदनशीलता वाले लोगों के लिए उपयुक्त नहीं है फिर भी, कई लोगों के लिए, यह एक पौष्टिक अनाज है जिसे संतुलित आहार में शामिल करना चाहिए।
Leave A Comment
Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).