
अवैध प्रवासियों पर डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा प्रहार
नई दिल्ली। अमेरिका के अवैध अप्रवासियों पर ट्रंप सरकार की एजेंसियां सख्त हो गई हैं। देश भर में जहां भी इनके छिपे होने की आशंका हैए एजेंसियां वहां छापे मार रही हैं। इन जगहों से बड़ी संख्या में घुसपैठिए पकड़े जा रहे हैं। यहां तक कि स्कूल और चर्च को भी नहीं बख्शा जा रहा है। कानूनी एजेंसियां इन जगहों पर भी छापे मार रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी जस्टिस विभाग का कहना है कि अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कई एजेंसियां अभियान चला रही हैं और घुसपैठिए पकड़े जा रहे हैं।
उप राष्ट्रपति ने अभियान को अपना समर्थन दिया
इन अवैध अप्रवासियों के खिलाफ हो रही कार्रवाई का विरोध भी अमेरिका में हो रहा है। इस बीच उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने चर्चए स्कूलों पर कानूनी एजेंसियों के छापे को अपना समर्थन दिया है। उन्होंने कहा है कि अवैध रूप से अमेरिका में दाखिल होने की कोशिश करने वालों पर इस कार्रवाई का भारी असर पड़ेगा। वेंस ने धार्मिक इमारतों एवं स्कूलों पर आगे छापे की कार्रवाई से इंकार नहीं किया है।
एक लाख बेड की जरूरत.होमैन
उन्होंने कहा, यदि आपके यहां एक ऐसा व्यक्ति है जो किसी अपराध के लिए दोषी है तो इस बात से फर्क नहीं पड़ता है कि वह अवैध प्रवासी है। आम लोगों की सुरक्षा के लिए आपको उस व्यक्ति को पकड़ना ही होता है। घुसपैठियों को पकड़ना कोई अनूठी बात नहीं है। ट्रंप प्रशासन के एक अन्य अधिकारी टॉम होमैन ने कहा है कि देश भर में अवैध अप्रवासियों के खिलाफ चलाए जा रहे इस व्यापक अभियान को देखते हुए अधिकारियों को कम से कम 1 लाख बेड की जरूरत है। होमैन ने कहा है कि इस अभियान के लिए धन की जरूरत है। उन्होंने यूएस कांग्रेस को इसके लिए तुरंत फंड जारी करने के लिए कहा है।
घुसपैठियों को निकालने का वादा
चुनाव के दौरान ट्रंप ने वादा किया था कि राष्ट्रपति बनने के बाद वह घुसपैठियों से अमेरिका को मुक्त करेंगे। राष्ट्रपति बनने के बाद वह अपने वादे के अनुरूप बढ़ रहे हैं। अवैध अप्रवासियों को अमेरिका से निकालने के लिए यूएस कांग्रेस ने पिछले दिनों एक विधेयक को मंजूरी दी। इसके बाद इस अभियान में और तेजी आ गई है। हालांकि इस कार्रवाई के खिलाफ अमेरिका के अलग.अलग शहरों में विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं। ट्रंप का कहना है कि इन अवैध अप्रवासियों में कई अपराधी भी हैं जिनसे अमेरिकी लोगों को खतरा है।
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