मां की मौत के बाद पड़ोसी की छत पर रात गुजारने को मजबूर बच्चे
लखनऊ। मां का साया सिर से क्या उठा बच्चे रोटी को मोहताज हो गए। इस कड़कड़ाती सर्दी में बच्चों के पास सिर छुपाने के लिए छत तक नहीं है। दर-दर भटक रहे बच्चों पर हालात की मार ऐसी पड़ी कि उनको पड़ोसी की छत पर तिरपाल डालकर गुजारा करना पड़ रहा है। शुक्रवार को जब बच्चों की स्थिति से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो एसडीएम हरकत में आए और बच्चों के लिए भोजन से लेकर रहने तक का प्रबंध कराया।
मामला गोसाईगंज क्षेत्र में गंगागंज का है। नगर पंचायत अमेठी के निकट कजियाना वार्ड निवासी सायबा (13) फारूख (8) इमाम (6) नूरसा (3) इस कडकड़ाती ठंड में पड़ोसी की छत पर तिरपाल डाल कर रात गुजारने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने बताया कि बच्चों की यह स्थिति मां रूबी की मौत के बाद हुई। जब रूबी जिंदा थी तो जैसे-तैसे पति अकील अहमद जो कि नशे का आदि है, से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास के लिए आवेदन कराया। लेकिन नगर पंचायत अधिकारियों की लचर कार्य शैली के चलते पात्र होते हुए भी उन्हें आवास नहीं मिला। इस बीच रूबी की मृत्यु हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि बच्चों के पिता नशे का आदि होने के कारण उनका भरण पोषण भी नहीं कर पा रहा है। ऐसे में बच्चे दो जून की रोटी के लिए भी मोहताज हो गए। वहीं इस भीषण ठंड में उनको स्थाई छत भी नहीं नसीब हुई। ऐसे में गरीब पड़ोसी ने बच्चों को घर की छत पर त्रिपाल के नीचे रहने का सहारा दिया।
वहीं शुक्रवार को बच्चों की स्थिति का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने पर उपजिलाधिकारी मोहनलालगंज ने इसका संज्ञान लेते हुए मौके पर पहुंचे, और बच्चों के लिए खाद्य सामग्री और कंबल की व्यवस्था करायी। उन्होंने जल्द से जल्द प्रधानमंत्री आवास दिलाने के भी निर्देश दिए।
पहले गांव के बाहर रहते थे
जिस उम्र बच्चों के खेलने कूदने और पढ़ने लिखने की होती है उस उम्र में सायबा मां रूबी की मौत हो जाने के बाद से दूसरों के घरों में झाड़ू पोछा व साफ सफाई का काम कर अपने भाई-बहनों का पेट पाल रही है। सायबा ने बताया कि पिता मजदूरी तो करते हैं लेकिन उनका सारा रुपये नशा करने में ही खर्चा हो जाता है। उसने बताया कि घर न होने कारण वह गांव में खाली पड़ी जगह पर तिरपाल डाल कर अपने भाई बहन के साथ रहती थी। लेकिन अब ठंड के कारण बाहर रात के अंधेरे में बच्चों को डर लगने लगा तो गांव के एक व्यक्ति ने उन्हें अपने घर की छत पर तिरपाल डाल कर रहने के लिए जगह दी। जानकारी होने पर बच्चों को उनके चाचा के यहां रहने का इंतजाम किया गया। राशन कार्ड जल्द बनवा दिया जाएगा वहीं डूडा की ओर से आवास के लिए निर्देश दिया गया बाकी जो भी प्रशासन से मदद होने वाली होगी की जाएगी।
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