बाबा लालजी के 669वें अवतार दिवस पर भजन का हुआ विमोचन
दया शंकर चौधरी
वृंदावन/लखनऊ। उत्तर प्रदेश लखनऊ की संस्था लोक परमार्थ सेवा समिति ने कल 11 फरवरी को श्री बाबा लाल जी के 669वें अवतार दिवस पर बाबा लाल जी की महिमा महान जग में भजन के पोस्टर का विमोचन किया। उक्त पोस्टर का विमोचन श्री धाम वृंदावन में ब्रज लोक कला एवं शिल्प संग्रहालय में साहित्य कार एवं उद्योग पति कपिल देव उपाध्याय एवं डॉ उमेश चंद्र शर्मा पूर्व प्रवक्ता ब्रह्म विद्या मन्दिर महाविद्यालय श्री धाम वृंदावन ने मिलकर किया। इस भजन के रचनाकर विजय त्रिपाठी संगीत सुनील यादव और स्वर जे. पी. पांडे ने दिया है। सहयोग गौसेवक लालू भाई और समस्त खर बंदा परिवार का है।
आपको बता दें कि श्री बाबा लाल दयाल जी का जन्म संवत् 1412 (सन 1355) और देहावसान संवत 1712 में हुआ था। रामपुर हलेड़ आश्रम में देहत्याग करने वाले बाबा लाल दयाल जी योगशक्ति के माध्यम से जीवित रहकर मानव कल्याण हेतु कार्य करते रहे।
उनका उपदेश था कि “हे मानव यदि तू मन के गुल (फूल) का चिंतन करेगा तो तू गुल बन जाएगा। यदि तेरे तन में व्याकुल बुलबुल का ख्याल घर किए बैठा है तो तू बुलबुल बन जाएगा। तू परमात्मा का अंश है और ब्रह्मपुरुष है, यदि तू कुछ दिन तक कुल अर्थात (ब्रह्म) का ध्यान करेगा तो तू भी ब्रह्म बन जाएगा। बाबा लाल दयाल जी ने हिंदू-मुस्लिम का भेदभाव मिटाकर एक ही सच्चे भगवान की भक्ति करने का उपदेश देते हुए कहा है कि खुदा और परमात्मा एक ही है। “लाल हिंदू दावा वेद का, तुर्क कुतेन कुरान। दोनों दावे बांधियों, भूले आतमज्ञान।”
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