अकबर नगर ने दिया पॉवर कारपोरेशन को करोड़ों का झटका
लखनऊ। अकबर नगर में अवैध रूप से बने मकानों व दुकानों को पॉवर कारपोरेशन के जिम्मेदारों ने बिजली कनेक्शन दे दिया था। एलडीए द्वारा अवैध घोषित करने के बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू हो गई। वहीं, इस इलाके में रहने वाले लोगों ने पिछले पांच-छह महीनों से बिल जमा नहीं किया है। इसके कारण पॉवर कारपोरेशन को करीब तीन करोड़ रुपये बकाया बिल का भुगतान फंसता दिख रहा है। कारपोरेशन के सामने सवाल खड़ा हो रहा है कि कार्रवाई के जद में आए मकान व दुकानों का बिल अब कैसे वसूलेगा। कारपोरेशन के अधिकारी इस झटके से उबरने के लिए योजना बनाने में जुटे हैं।
अकबर नगर में मुख्य मार्ग और उसके आसपास तकरीबन 15,00 से अधिक भवन हैं। इनमें मकान के साथ ही बड़े शोरूम, काम्लेक्स और दुकानें शामिल हैं। यहां रहने वाले और दुकान संचालकों पर खासा बिजली बिल बकाया है। इनसे बिल वसूली के लिए विभाग के आला अधिकारियों ने नोटिस जारी करना चालू कर दिया है। साथ ही सभी कनेक्शनों को स्थाई रूप से काटने की भी कार्रवाई भी की जा रही है। महानगर जेई पुष्पेंद्र यादव ने बताया कि अकबर नगर के बिजली बकायेदारों से विभाग वसूली का प्रयास कर रहा है। खाता संख्या के साथ उतारे गये मीटरों के नंबरों से उपभोक्ताओं की पहचान की जा रही है। मीटर परीक्षण से यूनिटों का ब्योरा लेकर बिल जनरेट कराया जायेगा।
जिन कनेक्शनों और उपभोक्ताओं की सही जानकारी नहीं मिल पा रही है, उन कनेक्शनों की स्थाई रूप से काटने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। साथ ही सेक्शन 3 के तहत नोटिस जारी कर कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी। अभी तक 25 कनेक्शनधारकों पर कार्रवाई की जा चुकी है।
भुगतान की बात कहते-कहते मारपीट पर आमादा हो जाते उपभोक्ता
विभागीय कर्मचारियों के अनुसार कई बार अधिकारी और लाइनमैन वहां पर बिजली का बिल लेने पहुंचे तो उपभोक्ता मारपीट पर अमादा हो गए। जो भवन गिराए जा चुके हैं, उनके बारे में क्षेत्र में कोई बताने वाला नहीं है। कई शोरूम और काम्प्लेक्स पर लाखों का बकाया पहले ही चल रहा था। कई लोगों ने यहां पर ओटीएस योजना में भी आवेदन किया था, वह धनराशि अब मिलनी मुश्किल है। वहां के बकायेदारों की सूची बनाई जा रही है जो जल्द ही शासन भेजी जाएगी। हम लोग तो वहां बकाया बिल को डूबी हुई रकम मान चुके हैं। इतना ही नहीं, जिन भवनों में यहां पर अभी बिजली चल रही है, उनके कनेक्शन हटते ही वह उपकेंद्रों पर लड़ने पहुंच जाते हैं।
Leave A Comment
Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).