
गायत्री ज्ञान मंदिर के ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत 444वाँ युगऋषि वाङ्मय की स्थापना सम्पन्न
दया शंकर चौधरी
‘‘सद्ज्ञान व्यक्ति को नर से नारायण बना सकता है।” -उमानन्द शर्मा
लखनऊ। गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर, लखनऊ के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत ‘‘आरजीएस आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एण्ड रिसर्च सेन्टर, इटौंजा, लखनऊ’’ के पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं० श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का 444वाँ ऋषि वाङ्मय की स्थापना का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। उपरोक्त साहित्य गायत्री परिवार की सक्रिय कार्यकर्ता अखिल श्रीवास्तव (पुत्र) और डॉ० श्रुति श्रीवास्तव (पुत्रवधू) अपने दिवंगत माता-पिता स्व० कुसुम लता एवं स्व० श्री नारायन प्रसाद की स्मृति में भेंट किया तथा उपस्थित गणमान्य एवं अधिकारियों को अखण्ड ज्योति (हिन्दी) पत्रिका भेंट की।
इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने कहा कि “सद्ज्ञान व्यक्ति को नर से नारायण बना सकता है।” संस्थान के प्रधानाचार्य प्रो० (डॉ०) अरुण कुमार पाणिग्रही ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का समापन संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉ० राजकुमार मिश्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किये। मंच का संचालन डॉ० एस०पी० तिवारी द्वारा मंच का संचालन किया गया।
इस अवसर पर गायत्री ज्ञान मंदिर के प्रतिनिधि उमानंद शर्मा, देवेन्द्र सिंह, संस्थान के प्रधानाचार्य प्रो० (डॉ०) अरुण कुमार पाणिग्रही, चिकित्साधीक्षक डॉ० राजकुमार मिश्रा, डॉ० एस०पी० तिवारी सहित चिकित्सकगण के साथ-साथ संस्थान के अन्य अधिकारी, कर्मचारी एवं छात्र-छात्रायें मौजूद रहे।
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