श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी का पावन शहीदी दिवस मनाया गया
दया शंकर चौधरी
लखनऊ। नाका गुरुद्वारा में श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी के चारों साहिबजादों एवं उनकी माता, माता गुजर कौर जी का पावन शहीदी दिवस मनाया गया। कल 25 दिसम्बर को माता गुजरी सत्संग सभा की ओर से सरबंसदानी साहिब श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी महाराज के चारों साहिबजादों (साहिब अजीत सिंह जी, साहिब जुझार सिंह जी, साहिब जोरावर सिंह जी, साहिब फतहि सिंह जी) एवं उनकी माता, माता गुजर कौर जी का पावन शहीदी दिवस श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा नाका हिन्डोला लखनऊ में बड़ी श्रद्धा एवं सत्कार के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर प्रातः सुखमनी साहिब के पाठ से दीवान का आरम्भ हुआ, तत्पश्चात हजूरी रागी जत्था भाई राजिन्दर सिंह जी ने पवित्र आसा दी वार का शबद कीर्तन गायन द्वारा समूह संगत को निहाल किया। मुख्य ग्रन्थी ज्ञानी गुरजिंदर सिंह ने शहीदी दिवस पर दिल को छू देने वाले विचार व्यक्त किए। सिमरन साधना परिवार के बच्चों ने ”मित्तर प्यारे नूँ हाल मुरीदां दा कहना" एवं ”सूरा सो पहचानिअै लरै दीन के हेत। पुरजा-पुरजा कट मरे कबहु न छाडै खेत।।” शबद कीर्तन गायन कर समूह संगत को भाव विभोर किया।
ज्ञानी हरविंदर सिंह सुहाना वालों ने सरबंसदानी साहिब श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी महाराज के चारों साहिबजादों एवं उनकी माता, माता गुजर कौर जी का शहीदी दिवस पर कथा करते हुए कहा कि चमकौर की गढ़ी में श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी के बडे़ साहिबजादे बाबा अजीत सिंह एवं बाबा जुझार सिंह ने 10 लाख मुगल फौज का सामना करते हुए शहादत प्राप्त की और श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी के छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह एवं बाबा फतहि सिंह ने जब इस्लाम नहीं कबूल किया तो उन्हें सरहंद के नवाब ने सरहंद में ही जिन्दा नींव में चुनवा कर शहीद कर दिया। यह ऐतिहासिक घटना दिसम्बर माह में 1704 को हुई थी। पोतों की शहादत के बाद माता गुजर कौर जी ने भी अपने प्राण त्याग दिये
रागी जत्था भाई कमलदीप सिंह तनमीत सिंह चंबा वालों ने “गुर किरपा जिह नर कउ कीनी तिह इह जुगति पछानी।।” शबद कीर्तन गायन कर साध संगत को निहाल किया। बीबी जसप्रीत कौर लुधियाना वालों ने ”साच कहों सुन लहो सभै जिन प्रेम कीओ तिन ही प्रभु पाइयो।” एवं ”पहिला मरणु कबूलि जीवण की छड़ि आस, होहु सभना की रेणुका तउ आउ हमारै पासि।” गायन कर समूह संगत को निहाल किया। दिन भर गुरबाणी कीर्तन तथा गुरमत विचारों का कार्यक्रम चला जिसका संचालन धार्मिक सचिव सरबजीत सिंह ने किया। दीवान की समाप्ति के उपरान्त लखनऊ गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के सदस्यों ने चारों साहिबजादों एवं माता गुजर कौर जी के शहीदी दिवस पर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। उपरान्त लंगर के वितरित किया गया।
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