वैज्ञानिकों ने किया दावा: शुगर लेवल 50 फीसदी कम कर सकता है प्याज
डायबिटीज दुनिया भर में एक बड़ी चिंता का विषय है साल 2030 तक डायबिटीज दुनिया में सातवां सबसे बड़ा मौत का कारण बन सकता है यह रोग एक मेटाबोलिक डिसऑर्डर है जो शरीर में अनियमित ब्लड शुगर के उतार-चढ़ाव का कारण बनता है, डायबिटीज मेलेटस वर्तमान में दुनिया भर में 425 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करता है, जिसमें 2017 में भारत में डायबिटीज के 72.9 मिलियन से अधिक मामले शामिल हैं यह बीमारी उचित देखभाल और ध्यान के अभाव के चलते डायबिटीज मोटापा, गुर्दे की विफलता और हृदय संबंधी जटिलताओं का कारण भी बन सकता है।
डायबिटीज रोगियों को अक्सर फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों से भरपूर सख्त आहार का पालन करने के लिए कहा जाता है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि प्याज एक स्वस्थ मधुमेह आहार के लिए एक आदर्श दांव साबित हो सकता है? अध्ययनों से पता चला है कि प्याज में कई फ्लेवोनोइड्स (एंटीऑक्सीडेंट का एक वर्ग) मौजूद होते हैं जो ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने में मदद करते हैं और अच्छे स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा को भी बढ़ावा देते हैं।
साइंसडायरेक्ट.कॉम और राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान की वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख में इस अध्ययन का जिक्र किया गया है। इस अध्ययन में वैज्ञानिकों की एक टीम ने टाइप-2 मधुमेह वाले चूहों में ब्लड शुगर को कम करने वाले प्याज पर सभी अध्ययनों का मेटा-विश्लेषण किया सभी अध्ययनों के परिणामों को मिलाया गया तब यह पाया गया कि प्याज में ऐसे यौगिक हो सकते हैं जो ब्लड शुगर के स्पाइक को नियंत्रित करते हैं।
बता दें, यह रिसर्च चूहों पर की गई थी, जिसमें टाइप-2 मधुमेह वाले चूहों को उनके वजन के आधार पर प्रतिदिन 200, 400 और 600 मिलीग्राम प्याज का अर्क दिया गया जिसके बाद उनके ब्लड शुगर में तेजी से कमी देखने को मिली थी। 400 और 600 मिलीग्राम वाले चूहों के ब्लड शुगर में 35 से 50 फीसदी की कमी दर्ज की गई इससे अनुमान लगाया गया कि प्याज के अर्क का सेवन डायबिटीज का मरीजों में 50 फीसदी तक ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकती है मतलब प्याज के अर्क का सेवन डायबिटीज के रोगियों में ब्लड शुगर के लेवल को कम कर सकता है निष्कर्ष मेडिसिनल फूड की पत्रिका में प्रकाशित हुए थे।
प्याज डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए क्यों अच्छा है?
फाइबर से भरपूर: प्याज, खासकर लाल प्याज, फाइबर से भरपूर होते हैं। वसंत प्याज (वसंत प्याज प्याज परिवार से जुड़ी एक सब्ज़ी है जिसे स्कैलियन या ग्रीन प्याज के नाम से भी जाना जाता है) में परिवार में सबसे कम फाइबर होता है फाइबर को टूटने और पचने में समय लगता है, जो रक्तप्रवाह में शर्करा को धीरे-धीरे जारी करता है। फाइबर आपके मल को भी भारी बनाता है, जो कब्ज को कम करने में मदद कर सकता है, जो डायबिटीज रोगियों के बीच एक आम समस्या है।
कम कार्ब्स: प्याज में कार्बोहाइड्रेट बहुत कम होता है। लाल प्याज के 100 ग्राम में लगभग 8 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है कार्बोहाइड्रेट जल्दी से मेटाबोलाइज हो जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप रक्त प्रवाह में शुगर तेजी से निकलती है। डायबिटीज रोगियों को अक्सर अपने आहार में अधिक कम कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थ शामिल करने की सलाह दी जाती है इसके अतिरिक्त, प्याज में कैलोरी भी कम होती है, और इसे स्वस्थ वजन घटाने की योजना के लिए सुरक्षित रूप से माना जा सकता है।
कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स: ग्लाइसेमिक इंडेक्स खाद्य पदार्थों (कार्बोहाइड्रेट) को दिया जाने वाला एक मूल्य है, जो इस आधार पर होता है कि वे रक्त शर्करा के स्तर को कितनी धीमी या तेजी से प्रभावित करते हैं। कच्चे प्याज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 10 है, जो इसे आपके मधुमेह आहार में शामिल करने के लिए एक आदर्श कम जीआई भोजन बनाता है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान पर प्रकाशित रिजल्ट क्या कहता है: एलियम सेपा जिसे आमतौर पर प्याज के रूप में जाना जाता है और यह लिलिएसी परिवार से संबंधित है। प्राचीन काल से, इसका उपयोग पारंपरिक रूप से विभिन्न रोगों के उपचार के लिए किया जाता रहा है प्याज की विभिन्न गतिविधियों में से हाइपोग्लाइसेमिक गतिविधि का विनियमन डीएम में इसके महत्वपूर्ण प्रभावों में से एक माना जाता है।
प्याज के अर्क में लिवर हेक्सोकाइनेज, ग्लूकोज 6-फॉस्फेट और एचएमजी कोएंजाइम-ए रिडक्टेस की गतिविधियों को सामान्य करके हाइपोग्लाइसेमिक और हाइपोलिपिडेमिक प्रभाव भी पाए गए हैं। रिसर्च की मानें तो प्याज का अर्क निकालकर पीने से ब्लड शुगर तेजी से नियंत्रित होने लगता है हाई ब्लड शुगर को प्याज के अर्क से आधा करने में मदद मिल सकती है।
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