
बसंत कुंज योजना रद करना LDA की मजबूरी
लखनऊ। बसंत कुंज योजना से लखनऊ विकास प्राधिकरण को 2 साल में बिना कुछ किए ही 10 करोड़ का लाभ ब्याज के रूप में हुआ है क्योंकि 272 आवंटियों से 100 करोड़ रुपए वसूले जा चुके हैं, जो LDA के पास जमा हैं इसके बावजूद लखनऊ विकास प्राधिकरण योजना को निरस्त करने की तैयारी कर रहा है। निवेशक संतोष कुमार ने बताया कि आज काफी लोग लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार से मिले लेकिन, उन्होंने योजना को पुन बहाल करने से मना कर दिया साथ ही बताया कि हमको पर्याप्त मात्रा में फोर्स उपलब्ध नहीं कराई जाती है वहां के किसान दबंग हैं हम कब्जा नहीं ले पा रहे हैं इसलिए हम वहां प्लाट की रजिस्ट्री और कब्जा देने में असमर्थ हैं आप लोग चाहे तो हाईकोर्ट जा सकते हैं।
निवेशक का कहना है कि अब यह बात समझ में नहीं आ रही है कि वहां के किसान इतने बड़े दबंग हैं कि सरकार को अपनी ही जमीन नहीं लेने दे रहे हैं अब तो समझ में नहीं आ रहा है कि यहां कानून का शासन है भी कि नहीं। जानकारी के मुताबिक, एक नेता के भूमिया साथी इस जमीन पर कब्जा जमाए बैठे हैं, जिनके समर्थन में सभी अधिकारी निवेशकों के साथ अन्याय करने को तैयार हैं। जमीन पर भू-माफिया काबिज हैं भविष्य में शहर की लाइफ लाइन बनने वाली सड़क ग्रीन कॉरिडोर के नजदीक बसंत कुंज का सेक्टर ए एलडीए अब तक किसानों के कब्जे में है एलडीए उस पर अपना कब्जा नहीं ले पाया है इसके बावजूद इस जमीन पर 272 भूखंड की हवाई योजना बनाई गई थी। आवंटन करके लोगों से 100 करोड़ रुपए भी वसूल लिए। पिछले करीब 2 साल में लगभग 10 करोड़ रुपए का ब्याज भी LDA के खाते में आ चुका है इसके बावजूद अधिग्रहित भूमि से कब्जा LDA नहीं हटा पाया।
निवेशकों का आरोप है कि एक बड़े नेता और उनके करीबी भू-माफिया की वजह से लखनऊ विकास प्राधिकरण की हिम्मत नहीं हो रही कि इस भूमि को खाली करवाया जा सके इसलिए 100 करोड़ रुपए जमा करने के बावजूद योजना को निरस्त करने की तैयारी है दूसरी ओर LDA के अपर सचिव सीपी त्रिपाठी ने बताया कि फिलहाल यह आदेश स्थगित कर दिया गया है इस पर कमेटी अंतिम फैसला 9 मई को लेगी। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की हरदोई रोड स्थित बसंतकुंज योजना के सेक्टर-ए में आवंटित 272 भूखंडों की कॉलोनी अब निराशा और सवालों के घेरे में है दो साल पहले बड़े उत्साह के साथ शुरू की गई इस योजना में 72 से 200 वर्गमीटर तक के प्लॉटों के लिए 5,000 से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया था।
लॉटरी के जरिए 272 आवंटियों को भूखंड आवंटित किए गए और उनसे पूरी राशि भी जमा करा ली गई लेकिन, अब चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि जिस जमीन पर ये प्लॉट काटे गए, वह आज तक एलडीए के कब्जे में ही नहीं हैं प्लॉट पर रजिस्ट्री न होने की सूचना मिलते ही आवंटियों में गुस्सा व्याप्त हो गया है सभी ने मिलकर एक व्हाट्सएप ग्रुप बना लिया है और आगे के आंदोलन की तैयारी की जा रही है। इस संबंध में लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार की ओर से जारी पत्र से यह स्पष्ट हो गया है कि योजना को खत्म करने की तैयारी है। मामला उजागर होने के ठीक दूसरे दिन सोमवार की दोपहर लखनऊ विकास प्राधिकरण के अपर सचिव सीपी त्रिपाठी ने पत्रकारों से इस मुद्दे पर बातचीत की।
त्रिपाठी ने बताया कि योजना के लिए 1984 में भूमि अर्जुन की कार्रवाई शुरू की गई थी शुरुआत से ही किसानों से विवाद था इस विवाद की वजह से भूमि पर कब्जा नहीं किया जा सका था। 2020-21 में मामला कुछ सुलाक्षता हुआ नजर आया तो लखनऊ विकास प्राधिकरण ने सेक्टर ए में 272 प्लॉट की योजना लॉन्च की जिसके लिए आवंटन भी कर दिए गए। बाद में किसानों ने इस भूमि से कब्जा नहीं छोड़ा लगातार कोशिशें के बावजूद कब्जा नहीं हटाया जा सका इसलिए मजबूरी में अभी योजना को खत्म करने का निर्णय लिया गया था जिसको फिलहाल स्थगित भी कर दिया गया एक कमेटी का गठन किया गया है या कमेटी 9 मई को इस संबंध में फैसला लेगी।
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