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महाकुंभ में 4 दिनों में बनेंगे चार विश्व रिकॉर्ड
प्रयागराज। महाकुंभ में 14 से 17 फरवरी तक 4 दिनों में 4 विश्व रिकॉर्ड बनेंगे। प्रयागराज मेला विकास प्राधिकरण ने इसकी तैयारियां पूरी कर ली है गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम भी संगम नगरी पहुंच चुकी है साल 2019 के अर्ध कुंभ में भी तीन विश्व रिकॉर्ड बने थे इस बार भी नए कीर्तिमान बनेंगे।
आज 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक 48 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं यह अपने आप में सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। महाकुंभ 2025 को विश्व की अमूर्त धरोहर घोषित किया गया है अब यह दुनिया का सबसे बड़ा समागम बन चुका है अब तक किसी भी धर्म में 31 दिनों में 48 करोड़ श्रद्धालु कहीं नहीं जुटे हैं यह अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड है इसी के साथ अगले 4 दिनों में 4 और भी विश्व रिकॉर्ड बनने जा रहे हैं।
1. 15 हजार कर्मी चलाएंगे सफाई अभियानः 14 फरवरी को 15000 कर्मचारी गंगा घाट पर 10 किलोमीटर तक सफाई अभियान चलाएंगे। गंगा घाटों पर कर्मियों की तैनाती की गई है कुंभ 2019 में भी 10 हजार सफाई कर्मचारियों ने एक साथ झाड़ू लगाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया था अब इस रिकॉर्ड को तोड़कर प्रयागराज मेला विकास प्राधिकरण नया इतिहास रचेगा।
2. नदी की जलधारा में सफाई करेंगे 300 कर्मीः 15 फरवरी को 300 कर्मचारी नदी में उतरकर सफाई अभियान चलाएंगे यह भी नया कीर्तिमान होगा नदी की जलधारा में एक साथ सफाई कर्मी सफाई अभियान के लिए उतरेंगे।
3. त्रिवेणी मार्ग पर चलेंगे 1001 ई-रिक्शाः 16 फरवरी को त्रिवेणी मार्ग पर 1001 ई-रिक्शा चलाकर भी रिकॉर्ड बनाया जाएगा।
4. 10 हजार लोग देंगे अपने हाथों की छापः मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि 17 फरवरी को 10000 लोगों के हाथ के छाप (हैंड प्रिंट) लेने का भी विश्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा। चारों रिकॉर्ड बनाने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं अगले 4 दिनों में यह सभी रिकॉर्ड बनेंगे, लाखों श्रद्धालु इसके साक्षी बनेंगे।
साल 2019 में लगे अर्ध कुंभ में भी कई विश्व रिकॉर्ड बने थे एक स्थान पर सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं को एकत्र करने का विश्व रिकॉर्ड बनाया गया था इसके अलावा सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान और सार्वजनिक स्थान पर सबसे बड़ी चित्रकला प्रतियोगिता को भी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान मिला था।
2019 में भी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की 3 सदस्यीय टीम ने संगम नगरी का दौरा किया था। 28 फरवरी से 3 मार्च के बीच 4 दिन तक आयोजित की गई चित्रकला प्रतियोगिता में काफी संख्या में लोग शामिल हुए थे कुंभ के दौरान 7000 से अधिक विद्यार्थियों ने अपने एक हाथ की छाप लगाई थी इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान दिया गया था इससे पहले यह रिकॉर्ड सियोल में 4675 लोगों ने बनाया था।
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