
कृषि मंत्री ने उप्र कृषि अनुसंधान परिषद को अधिक कार्यकुशल बनाए जाने पर की समीक्षा
दया शंकर चौधरी
लखनऊ। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा कृषि क्षेत्र में किए जा रहे अनुंसधान तथा कृषि क्षेत्र की प्रगति के लिए किए जा रहे कार्यों तथा धरातल पर उनके व्यवहारिक प्रयोग में आ रहे गतिरोध की समीक्षा की गई।
समीक्षा बैठक के दौरान श्री शाही ने कहा कि अनुसंधान परिषद को सभी कृषि विश्वविद्यालयों तथा कृषि विज्ञान केन्द्रों के साथ समन्वय बनाकर शिक्षा, प्रशिक्षण तथा अनुसंधान के कार्य को उत्कृष्टता के स्तर पर ले जाना होगा। इसे व्यवहारिक रूप से लागू करने में आ रही चुनौतियों के लिए जो भी नीतिगत निर्णय लिए जाने हैं, उस पर एक पांच सदस्यीय समिति गठित की जाए। इस समिति द्वारा अपने सुझाव दो माह के भीतर प्रस्तुत किए जाएं।
उन्होंने यह भी कहा कि उप्र कृषि अनुसंधान परिषद (उपकार) द्वारा नियमित रूप से अपने अनुसंधान कार्यों पर एक प्रजेन्टेशन प्रस्तुत किया जाना चाहिए। इसके साथ ही निर्विवाद रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर अपने कार्यों को गति देनी चाहिए।
कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्रों को अपनी कार्यशैली में व्यापक बदलाव लाने की आवश्यकता है, जिससे उनके द्वारा किए गए अनुसंधान कार्य वास्तविक धरातल पर दिखाई दें तथा किसानों की समृद्धि हो। इस समीक्षा बैठक के दौरान उपकार के अध्यक्ष कैप्टन विकास गुप्ता, प्रमुख सचिव कृषि रवीन्द्र, सचिव कृषि ओ.पी.गुप्ता, आचार्य नरेन्द्र देव कृषि विश्वविद्यालय के उपकुलपति डॉ. वीजेन्द्र सिंह, सरदार वल्लभभाई कृषि तथा प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के उपकुलपति डॉ. के.के सिंह, महानिदेशक उपकार डॉ. संजय सिंह, कृषि निदेशक डॉ. पंकज कुमार त्रिपाठी उपस्थित रहे।
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