
बारिश और उमस से बढ़े फंगल इंफेक्शन के मरीज
लखनऊ। मौसम में आए दिन हो रहे बदलाव के कारण कभी बारिश तो कभी भीषण उमस हो रही है। इससे लोग फंगल इंफेक्शन की चपेट में आ रहे हैं। राजधानी के बलरामपुर अस्पताल, सिविल और लोकबंधु अस्पताल के त्वचा रोग की ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या 30 फीसदी तक बढ़ गई गई है। इसमें सभी आयु वर्ग के मरीज हैं। चिकित्सक इलाज के साथ बचाव के सुझाव दे रहें हैं।
बलरामपुर अस्पताल के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. एमएच उस्मानी ने बताया कि इस समय रोजाना ओपीडी में करीब 650-700 तक रोगी आ रहे हैं। ज्यादातर मामलों में दाद, खुजली, नाखून में इंफेक्शन और सिर की जमीन की स्किन में इंफेक्शन पाया जा रहा है। डॉ. एमएच उस्मानी के मुताबिक फंगस बैक्टेरिया गीले कपड़ों में, आमतौर पर तौलिए और अंडरगारमेंट्स में लगभग 25 सप्ताह तक जीवित रह सकता है। डॉ. उस्मानी ने मरीजों को तौलिए और कपड़ों को 8-10 घंटे तक सीधी धूप में रखने की सलाह दी क्योंकि सूरज की रोशनी में यूवी किरणें फंगस और बैक्टीरिया को मार देती हैं।
यदि धूप नहीं है, तो फंगस को मारने के लिए कपड़ों को 70 डिग्री सेल्सियस गर्म पानी में 45 मिनट तक धो सकते हैं या कपड़ों के दोनों तरफ गर्म प्रेस कर सकते हैं। सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया बारिश में फंगल इंफेक्शन के मर्ज बढ़ जाते हैं। ओपीडी में आने वाले मरीजों को त्वचा रोग विशेषज्ञ अपनी स्किन को साफ और सूखा रखने, तौलिए और जूते जैसी पर्सनल चीजों को शेयर न करने की सलाह दे रहे हैं।
फंगल इंफेक्शन से बचने के उपाय
- रोजाना नहाएं और त्वचा को अच्छी तरह सुखाएं। मोजे और अंडरवियर सहित गीले कपड़ों को तुरंत बदलें।
- सूती कपड़ों से बने ढीले-ढाले, सांस लेने योग्य कपड़े चुनें। ऐसे जूते पहनें जिनमें हवा का संचार हो सके और उन्हें सूखने देने के लिए वैकल्पिक जोड़े पहनें।
- तौलिये, कपड़े या जूते साझा न करें। सुनिश्चित करें कि कपड़े धोने के बाद अच्छी तरह सूखें। जूतों को नियमित रूप से साफ करें और सुखाएं और मोजों को गर्म पानी में धोएं।
- विटामिन और खनिजों से भरपूर स्वस्थ आहार लें। हाइड्रेटेड रहने के लिए खूब पानी पिएं।
- यदि आपको त्वचा पर लाल, खुजलीदार या पपड़ीदार धब्बे जैसे फंगल संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें।
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