
ग्रामीण की पात्रता की प्राथमिकता श्रेणी में निराश्रित महिला की आयु 18 से 50 वर्ष की गयी
दया शंकर चौधरी
* उप मुख्यमंत्री की पहल पर मिशन शक्ति की दिशा में ग्राम्य विकास विभाग का क्रान्तिकारी कदम
* ग्राम्य विकास विभाग से मातृ शक्ति को मिला बहुत बड़ा सम्बल
* महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध
लखनऊ। उप मुख्यमंत्री की पहल पर मुख्यमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के अन्तर्गत प्राथमिकता श्रेणी मे पति की मृत्यु के उपरान्त निराश्रित महिला (आयु 18 वर्ष से 40 वर्ष) को सम्मिलित करने का निर्णय गत वर्ष लिया गया था। यह आयु सीमा अब (18 से 50 वर्ष) कर दी गयी है।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि पति की मृत्यु के उपरान्त निराश्रित महिला (आयु 18 से 50 वर्ष) एक अत्यन्त ही संवेदनशील वर्ग है, जिससे सामाजिक एवं सरकारी स्तर पर बेहद सुरक्षा की आवश्यकता होती है। इस उम्र की विधवा महिलाएं प्रायः ऐसी होती है, जिनमें से अधिकांश के बहुत छोटे-छोटे बच्चे होते हैं, जिससे इनके सुरक्षा एवं सहयोग की आवश्यकता और बढ़ जाती है। राज्य सरकार ने इस आयु वर्ग के लाभार्थियों को समस्या के दृष्टिगत इन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के पात्रता / प्राथमिकता सूची में सम्मिलित कर एक क्रांतिकारी कदम उठाया गया, जो समाज के हर जरूरतमंद के साथ खड़े होने की राज्य सरकार की मंशा को दर्शाता है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि मिशन शक्ति की दिशा में ग्राम्य विकास विभाग का यह क्रान्तिकारी कदम हैं। इससे ग्राम्य विकास विभाग द्वारा मातृ शक्ति को बहुत बड़ा सम्बल मिला है। महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रही है। मा प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में केंद्र और राज्य की सरकार, महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए पूरी ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही हैं। हमारी माताओं, बहनों व बेटियों ने हर क्षेत्र में कदम से कदम मिलाकर नए भारत के निर्माण में अपना योगदान सुनिश्चित किया है। हम अपनी नारी शक्ति की ताकत, साहस, और दृढ़ता को नमन करते हैं और विभिन्न क्षेत्रों में उनकी उपलब्धियों की सराहना करते हैं। हमारी सरकार शिक्षा, उद्यमिता, कृषि, प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में पहलों के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण राज्य सरकार द्वारा संचालित ग्रामीण आवासीय योजना है, जिसे वर्ष-2018 से प्रारम्भ किया गया। इस योजना में प्राकृतिक आपदा, कुष्ठ रोग एवं कालाजार आदि रोगों से प्रभावित परिवार, आर्थिक दृष्टि से पिछडे जनजाति परिवार, दिव्यांगजन तथा मुसहर, वनटांगिया, बंजारा,निराश्रित महिला (आयु 18 वर्ष से 40 वर्ष) आदि कई वर्ग के आवास विहीन परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना -ग्रामीण की प्राथमिकता श्रेणी में जोडते हुए इस योजना से बडी संख्या में लाभ दिया जा रहा है।
आपको बताते चलें कि इस योजना में वर्ष 2024-25 में पात्रता की प्राथमिकता श्रेणी में पति की मृत्यु के उपरान्त निराश्रित महिला (आयु 18 से 40 वर्ष) को सम्मिलित करते हुए राज्य सरकार द्वारा इस श्रेणी के आवासविहीन पात्र परिवारों का जनपद स्तर से सर्वेक्षण कराया गया और बड़ी संख्या मे इस श्रेणी की महिलाओ को आवास आवंटित किये गये। 18 से 40 आयु को अब 18 से 50 वर्ष कर दिया गया है, इससे इस श्रेणी की बड़ी संख्या मे निराश्रित विधवा महिलाओ मुख्यमंत्री आवास योजना- ग्रामीण का लाभ मिल सकेगा।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, द्वारा विभागीय अधिकारियों को इन परिवारों के शीघ्रता से आवास स्वीकृत कर इन्हें पूर्ण कराने के निर्देश दिये गये हैं। कहा गया है कि पति की मृत्यु के उपरान्त कम उम्र की निराश्रित महिलाओं को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की संवेदनशीलता एवं मिशन शक्ति की दिशा में महत्वपर्ण कदम है। ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री आवास योजना - ग्रामीण के अन्तर्गत 3.73 लाख लाभार्थियों को पक्के आवास आवंटित किये जा चुके हैं।
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