
नवयुग कन्या महाविद्यालय में सम्मानित किये गये छात्र और उनके अभिभावक
दया शंकर चौधरी
लखनऊ। नवयुग कन्या महाविद्यालय, राजेंद्र नगर लखनऊ के दर्शनशास्त्र विभाग एवं एनसीसी विंग के संयुक्त तत्वावधान में कल 15 सितंबर को श्रीमती महेंद्र कौर सोढ़ी स्मृति परिचर्चा एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें वर्तमान में योग दर्शन की प्रासंगिकता विषय पर व्याख्यान एवं महाविद्यालय की उन 16 मेधावी छात्राओं को सम्मानित किया गया, जिन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा 2022-23 में आयोजित सेमेस्टर परीक्षा में दर्शनशास्त्र विषय में 75 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित किए।
व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ अमरजीत यादव, सहायक आचार्य एवं, समन्वयक, योग एवं वैकल्पिक चिकित्सा संकाय,लखनऊ विश्वविद्यालय उपस्थित रहे I कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्या प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय ने की तथा संयोजन व संचालन विभागाध्यक्ष दर्शनशास्त्र एवं एनसीसी अधिकारी मेजर (डॉ.) मनमीत कौर सोढ़ी ने किया।
सम्मानित होने वाली छात्राओं में सेमेस्टर 5 तथा 6 में 78.5% अंक प्राप्त करने हेतु महक, 78% अंक के लिए अलीशा फातिमा 75.6 प्रतिशत अंक के लिए दीपाली तिवारी प्रत्येक को ₹1100 का नगद पुरस्कार, काजल तिवारी तथा रागिनी शर्मा को रु,.1000 का नगद पुरस्कार। सेमेस्टर 3 की परीक्षा में खुशी सिंह को 77%, श्रुति तिवारी को 76% तथा आंचल तिवारी को 75% अंक प्राप्त करने पर प्रत्येक को रु.1000 नगद पुरस्कार।
सेमेस्टर प्रथम में अंशी गुप्ता को 85.5% सर्वोत्तम अंक प्राप्त करने हेतु ₹1100, मनु तिवारी को 80.5%, जाह्नवी गुप्ता को 82%, स्वाति यादव को 81%, आस्था लोधी को 79%, उर्वशी सिंह को 75%, सेजल को 78% और रजनी सोनगरा को 76% अंक अर्जित करने हेतु प्रत्येक को रुपए 1000 के नगद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
यह विशेष समारोह और समस्त नगद पुरस्कार विभागाध्यक्ष दर्शनशास्त्र, मेजर (डॉ.)मनमीत कौर सोढ़ी द्वारा अपनी माता स्वर्गीय श्रीमती महेंद्र कौर सोढ़ी जी की जन्म दिवस की स्मृति में मेधावी छात्राओ को प्रदान किया गया I छात्राओं के साथ उनके अभिभावकों को भी सम्मानित किया गया।
डॉ अमरजीत यादव ने अपने व्याख्यान में कहा कि मन की शुद्धि का साधन है ध्यान, और रक्त की शुद्धि का साधन है प्राणायाम। योग जीवन के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि शारीरिक क्षमता और आवश्यकता के अनुसार ही प्राणायाम स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है इसके अतिरिक्त आहार पर नियंत्रण रखते हुए जंक फूड से दूर रहने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि जंक फूड जीवन में जंग लगा देता है।
आचार्य प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में सभी सम्मानित होने वाली छात्राओं तथा उनके अभिभावकों को शुभकामना देते हुए उन्हे जीवन में इसी प्रकार से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। जीवन में सकारात्मक सोच के साथ किसी दूसरे को पीछे ना छोड़ते हुए प्रतियोगी भावना को बढ़ाना चाहिए। मेजर डॉ मनमीत कौर सोढ़ी ने संचालन करते हुए कहा कि योग केवल थ्योरी ही नहीं बल्कि थेरेपी भी है। योग की साधना अष्टांग मार्ग की साधना है। शारीरिक और मानसिक शुद्धिकरण के लिए योग एक सशक्त माध्यम है।
सम्मानित होने वाली छात्राओं के अभिभावकों में सोफिया बानो, नजमा परवीन, लालिमा तिवारी, गोमती प्रसाद, सरिता सिंह, कपिल अवस्थी, कपिल अवस्थी, अश्विनी गुप्ता, महेंद्र वर्मा, प्रतिभा गुप्ता, गीता यादव, संदीप, सुनीता, अनुपम तिवारी आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में प्रोफेसर संगीता कोतवाल, प्रोफेसर सुषमा त्रिवेदी,प्रोफेसर ऋचा शुक्ला, प्रो निनी कक्कड़ समेत बड़ी संख्या में प्रवक्ता एवं छात्राएं उपस्थित रहे।
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