
लखनऊ के अलग-अलग हिस्सों में बनेंगे प्राइवेट बस अड्डे
लखनऊ। राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में निजी बस अड्डों के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है लखनऊ विकास प्राधिकरण ने इसके लिए जमीन चिह्नित कर ली है। तहसील से इनकी जांच के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी इन बस अड्डों के निर्माण के लिए कई शर्तें रखी गई हैं साथ ही यात्री सुविधाओं का भी पूरा ध्यान रखना होगा इसके लिए एक समिति भी बनाई गई है। स्टेज कैरिज बस स्टेशन, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व ऑल इंडिया टूरिस्ट बस पार्क (स्थापना एवं विनियमन) नीति 2025 के तहत प्राइवेट बस अड्डों के लिए समिति गठित हुई है। LDA के मुताबिक, इस योजना के लिए 165 एकड़ जमीन भी चिन्हित कर ली गई है बीते बुधवार को डीएम विशाख जी. ने बैठक कर कार्ययोजना की तैयारियों पर चर्चा की थी।
निजी निवेश के जरिए विकसित होंगे बस अड्डे: बसों को खड़े होने के लिए जगह की समस्या होने से सार्वजनिक स्थानों पर बसों को पार्क करने की समस्याएं लगातार आ रहीं हैं। प्राइवेट के अलावा परिवहन निगम की बसों के साथ भी यह परेशानी है इसे ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है कि निजी निवेश के माध्यम से भी बस अड्डे स्थापित किये जाएं। डीएम विशाख जी. की अध्यक्षता में बनी समिति में पुलिस आयुक्त की तरफ से नामित सदस्य, नगर आयुक्त, सचिव विकास प्राधिकरण, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत सचिव, संबंधित तहसील के उप जिलाधिकारी, संबंधित सर्किल के पुलिस क्षेत्राधिकारी, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन), सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग और अध्यक्ष नियामक प्राधिकारी या जिलाधिकारी की तरफ से नामित कोई विषय विशेषज्ञ सदस्य के रूप में शामिल होंगे।
बस अड्डे के लिए क्या हैं शर्तें
- कम से कम दो एकड़ भूमि की जरूरत होगी इसके लिए स्वामित्व, लीज डीड सम्बन्धी प्रपत्र आवेदन के साथ प्रस्तुत किए जाएंगे।
- सम्बन्धित विभागों से अनापत्ति प्रमाण-पत्र (एनओसी) लेना होगा।
- नगर निगम या नगर पालिका की सीमा से अधिकतम पांच किमी की दूरी के भीतर स्थापित करना होगा।
- आवेदक की नेटवर्थ पिछले वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 50 लाख होनी चाहिए और टर्नओवर दो करोड़ से कम नहीं होना चाहिए।
- समान प्रकार के व्यवसाय के संचालन और प्रबंधन का कम से कम दो वर्ष का अनुभव हो।
- आवश्यक भूमि या तो आवेदक के स्वामित्व में होगी या आवेदक की तरफ से भूमि रजिस्टर्ड लीज के आधार पर कम से कम 10 वर्ष के लिये ली जाएगी।
- बस अड्डे पर पर यात्रियों के पहुंचने के रास्ते अलग से बनेंगे।
- भूमि के कुल क्षेत्रफल का 70 प्रतिशत भाग खुला स्थान होगा जिसमें बसों की पार्किंग और आवागमन के मार्ग होंगे, 30 प्रतिशत भाग में यात्री सुविधा और अन्य सुविधाएं होंगी।
बस स्टेशनों पर होंगी ये सुविधाएं
- यात्रियों के बैठने की सुविधा
- पुरुषों, महिलाओं एवं दिव्यांगजन के लिए अलग-अगल शौचालय व यूरिनल
- शुद्ध पेयजल की व्यवस्था
- कैन्टीन की व्यवस्था
- पब्लिक एड्रेस सिस्टम की व्यवस्था
- अग्निशमन नियंत्रण के उपाय
- पूरा परिसर सीसीटीवी कैमरों से लैस होगा
- जनरेटर की व्यवस्था
- पूछताछ व बुकिंग काउन्टर की व्यवस्था
एलडीए ने चिन्हित की जमीन: बस अड्डे बनाने के लिए जिला प्रशासन की अनुमति लेनी होगी इसके लिए एलडीए या नगर निगम की जमीन का उपयोग किया जा सकता है। एलडीए सचिव विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि उनके मास्टर प्लान में 165 एकड़ प्राइवेट भूमि बस अड्डे के रूप में चिन्हित की गई है डीएम ने कहा कि इन जमीन की जांच संबंधित तहसील से कराई जाए एलडीए ने मोहनलालगंज के डेहवा व मऊ गांव, किसान पथ के मोहान रोड के खुशहाल गंज, मौदा, सरोसा भरोसा व डिघिया, किसान पथ के जुग्गौर गांव और सुल्तानपुर रोड पर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के पास मुअजम नगर, बकास, लार मऊ में जमीन चिन्हित की है।
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