
पसमांदा मुस्लिम समाज ने उठाई सावित्रीबाई और महात्मा फुले को भारत रत्न सम्मान देने की मांग
दया शंकर चौधरी
नारी शिक्षा और सामाजिक न्याय के असली पुरोधाओं को मिलना ही चाहिए सर्वोच्च सम्मान- अनीस मंसूरी
लखनऊ। पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले और उनके पति, महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा राव फुले को भारत रत्न देने की जोरदार मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि यह केवल दो महापुरुषों को सम्मान देना नहीं होगा, बल्कि पूरे महिला समाज, दलितों और वंचित तबकों के संघर्षों को राष्ट्र की ओर से नमन करने जैसा होगा।
अनीस मंसूरी ने कहा कि जब देश ‘नारी शक्ति’ और ‘सबका साथ, सबका विकास’ की बात कर रहा है, तब यह जरूरी है कि उन ऐतिहासिक व्यक्तित्वों को भारत रत्न से नवाजा जाए, जिन्होंने नारी शिक्षा और सामाजिक न्याय की नींव रखी। सावित्रीबाई फुले ने 1848 में जब लड़कियों के लिए पहला स्कूल खोला था, तब समाज में महिलाओं को शिक्षा देना पाप समझा जाता था। लेकिन उन्होंने अपने पति महात्मा फुले के साथ मिलकर समाज की रूढ़ियों को चुनौती दी और शिक्षा को हाशिए पर खड़े तबकों तक पहुंचाया।
अनीस मंसूरी ने कहा कि आज जब देश महिला सशक्तिकरण को लेकर जागरूक हो रहा है, तो यह जरूरी है कि सावित्रीबाई फुले को ‘भारत की पहली शिक्षिका’ के रूप में केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित न रखा जाए, बल्कि उन्हें भारत रत्न जैसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान से भी सम्मानित कर एक प्रेरणास्रोत के रूप में स्थापित किया जाए।
अनीस मंसूरी ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले ने मिलकर भारत में सामाजिक क्रांति की ऐसी मशाल जलाई, जो आज भी रोशनी दे रही है। इन दोनों महापुरुषों को भारत रत्न देने से देश की नई पीढ़ी को यह संदेश मिलेगा कि असली महानता पद, पैसे या शक्ति में नहीं, बल्कि सेवा, समर्पण और समाज सुधार के कार्यों में है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अपील की कि वे इस ऐतिहासिक दंपत्ति को भारत रत्न देकर देश के सामाजिक मूल्यों और नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाएं।
Leave A Comment
Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).