पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर आस्था के पहले स्नान का साक्षी बना उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल
दया शंकर चौधरी
महाप्रबंधक, उत्तर रेलवे की गहन निगरानी में प्रबंधन नीतियों को अमल में लाया गया
लखनऊ। महाकुंभ के आलौकिक आयोजन के अंतर्गत कल 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर उत्तर रेलवे, लखनऊ मंडल श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों की आस्था के पहले स्नान का साक्षी बना। इस विराट मेला में अपनी सहभागिता और प्रतिबद्धता दर्शाते हुए मण्डल के प्रयाग जं., फाफामऊ जं. एवं प्रयागराज संगम स्टेशन श्रृद्धा और सेवा भाव से अपने रेल एवं तीर्थयात्रियों के स्वागत सत्कार में समर्पित हैं। इस सुअवसर पर उत्तर रेलवे के मुख्यालय बड़ौदा हाउस, नई दिल्ली से आए महाप्रबंधक अशोक कुमार वर्मा, स्वयं प्रयाग में उपस्थित रहकर लगातार इन स्टेशनों पर सभी प्रबंधनों की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। महाप्रबंधक के दूरदर्शी एवं कुशल दिशा-निर्देशन में मण्डल रेल प्रबंधक, एस. एम. शर्मा ने इस सारी व्यवस्था की कमान संभाल रखी है। मण्डल के सभी विभागों के साझा सहयोग से राज्य सरकार के साथ तालमेल बनाते हुए सारी प्रबंध व्यवस्था को अमल में लाया जा रहा है।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक कुलदीप तिवारी के अनुसार, महाप्रबंधक ने मण्डल रेल प्रबंधक के साथ प्रयाग जं. स्टेशन के एकीकृत कमांड सेंटर पर पहुंचकर वहाँ की कार्यप्रणाली की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने टिकट चेकिंग कर्मियों तथा रेल सुरक्षा बल के कर्मियों की स्टेशनों पर यात्री प्रबंधन की रूपरेखा की जानकारी प्राप्त की तथा अपने सुझाव एवं निर्देश पारित किये। उन्होंने सभी विभागों को उचित तालमेल बनाते हुए कार्य करने की सलाह दी।
उन्होंने इन स्टेशनों पर होल्डिंग एरिया, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, खोया पाया काउंटर, यात्री सहायता बूथ, रेल आहार के स्थान एवं स्टॉल, अमानती सामान घर, प्लेटफार्म पर यात्रियों के उठने बैठने के स्थान, शौचालय, स्वच्छता, मोबाइल ATVM, आकस्मिक एवं आपातकालीन व्यवस्थाएं, स्टेशनों में प्रवेश एवं निकास की सुगमता, स्टेशन एवं परिसर की प्रकाश व्यवस्था, संकेतकों एवं साइनेज सहित सभी व्यवस्थाओं को बारीकी से परखा। उन्होंने मुख्य मार्ग से स्टेशनों को जोड़ने वाले मार्गों को यात्री यातायात हेतु सुचारु रूप से बनाए रखने की बात को प्रमुखता से कहा। महाप्रबंधक ने रेलयात्रियों के साथ सीधा संपर्क रखने वाले रेलवे सुरक्षा बल तथा वाणिज्य विभाग के कर्मचारियों सहित अन्य कर्मचारियों को रेलवे का अग्रदूत की संज्ञा देते हुए सभी को ड्यूटी के दौरान रेलयात्रियों और श्रद्धालुओं के साथ विनम्र आचरण अपनाने एवं मित्रवत व्यवहार करते हुए कार्य करने हेतु प्रेरित किया।
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