
'लाडकी बहन योजना' में धोखाधड़ी करने वालों की अब खैर नहीं
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र सरकार ने अब ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहन योजना’ के तहत फर्जी लाभार्थियों की पहचान करने के लिए आयकर विभाग के डेटा तक पहुंच हासिल कर ली है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 3 जून 2025 को जारी अधिसूचना में राज्य के महिला और बाल विकास विभाग के सचिव को यह अधिकार दिया है कि वह आयकर रिटर्न (ITR) की जानकारी प्राप्त कर पात्र और अपात्र लाभार्थियों की जांच करें।
पात्र महिलाओं को ही मिले योजना का लाभ
इस कदम का उद्देश्य इस योजना के तहत मिलने वाली 1500 रुपये या उससे अधिक की मासिक सहायता को केवल उन महिलाओं तक सीमित रखना है, जो वास्तव में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आती हैं। अब आयकर देने वाले या सरकार में नियमित रूप से काम करने वाले कर्मचारियों की पत्नियों या महिलाओं को इस योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। हाल ही में महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिती तटकरे ने बताया कि योजना के तहत 2200 से अधिक सरकारी कर्मचारी अपात्र होते हुए भी इसका लाभ ले रहे थे।
किन्हें मिलेगा योजना का लाभ?
- महाराष्ट्र की निवासी महिलाएं
- विवाहित, विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता, निराश्रित महिलाएं
- परिवार की एक मात्र अविवाहित महिला
- आयु 21 से 65 वर्ष के बीच
- परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम
- आधार से लिंक बैंक खाता होना आवश्यक
कौन नहीं हैं पात्र?
- जिनके परिवार का कोई सदस्य आयकर दाता है।
- सरकार में नियमित/स्थायी कर्मचारी या पेंशनधारी।
- जिनके परिवार में चार पहिया वाहन है (ट्रैक्टर छोड़कर)।
- सांसद/विधायक या सरकारी बोर्ड/निगम में पदाधिकारी।
- जिन्हें पहले से किसी सरकारी योजना के तहत ₹1500 या अधिक मिल रहे हों।
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