
रूस के लिए आगे और मुसीबत!
लखनऊ। रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 500 दिनों से जंग जारी है लेकिन अभी तक इसका कोई नतीजा निकल नहीं पाया है। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों की मदद के दम पर यूक्रेन ने अब तक मजबूती से रूस का मुकाबला किया है। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलीवन ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन का प्रशासन यूक्रेन को क्लस्टर बम मुहैया कराएगा। सुलीवन ने कहा कि अमेरिका यूक्रेन को अकेला नहीं छोड़ेगा और यूक्रेन ने भी वादा किया है कि वह क्लस्टर बम का इस्तेमाल साधवानीपूर्वक करेगा। माना जा रहा है कि यह बम रूस के लिए एक नई मुसीबत बन सकता है।
क्या है क्लस्टर बम की खासियत
दरअसल, क्लस्टर बम को ऊंचाई से हवा में गिराया जाता है और इसके अंदर से हजारों की संख्या में छोटे बम निकलते हैं, जो निशाना बनाए गए स्थान पर भारी तबाही मचाते हैं। पहले भी क्लस्टर बम का कई बार इस्तेमाल हुआ है जिसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं। यही वजह है कि कई देश क्लस्टर बम के इस्तेमाल से परहेज करते हैं। सुलीवन का बयान लिथुआनिया में NATO के शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले आया है। ऐसा माना जा रहा है कि सहयोगी देश राष्ट्रपति बाइडेन से सवाल कर सकते हैं कि अमेरिका यूक्रेन को ऐसे हथियार क्यों देगा, जो तीन-चौथाई सहयोगी सदस्य देशों में इसलिए प्रतिबंधित किए जा चुके हैं, क्योंकि इनके इस्तेमाल से बड़ी संख्या में नागरिक मारे गए हैं।
अमेरिका में भी विरोध में कुछ लोग
इस बम को यूक्रेन को देने को लेकर अमेरिका में भी आम सहमति नहीं बन पाई है। अमेरिका की इस योजना को उसकी संसद में ही मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है। डेमोक्रेटिक पार्टी के कुछ सदस्यों ने योजना की आलोचना की है। वहीं, कुछ रिपब्लिकन सदस्यों ने इसका समर्थन किया है। सुलीवन ने राष्ट्रपति के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि अमेरिका ऐसे क्लस्टर बम देगा, जिसमें से निकलने वाले कुछ ही बम फटते हैं यानी उसके इस्तेमाल से जनहानि कम होगी। अमेरिका में हो रहे विरोध से यह अंदाजा लगाना आसान है कि यह बम किस कदर बदनाम है।
‘हम क्लस्टर बम के खतरों को जानते हैं’
सुलीवन ने व्हाइट हाउस में कहा, ‘हम क्लस्टर बम के खतरों को जानते हैं। इसीलिए हमने इस फैसले को तब तक टाले रखा, जब तक हम ऐसा कर सकते थे। लेकिन अगर रूसी सेना यूक्रेन पर कब्जा करती है, तो वहां जनहानि होने की अधिक आशंका है। यूक्रेन के पास अधिक गोला-बारूद नहीं है और यह हमें बर्दाश्त नहीं है।’ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के अधिकारी मार्ता हुरताडो ने शुक्रवार को कहा ‘इस प्रकार के गोला-बारूद का इस्तेमाल तत्काल बंद होना चाहिए।’
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