
पेंशन के नियमों में बड़ा बदलाव!
नई दिल्ली। केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर है एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि वार्षिक वेतन बढ़ोतरी डेट से एक दिन पहले रिटायर होने वाले कर्मचारी उन्हें मिलने वाली पेंशन की गणना के लिए काल्पनिक वेतन बढ़ोतरी पाने के पात्र होंगे। आपको बता दें कि यह कदम इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद उठाया गया है इसका सीधा मतलब यह है कि सैलरी बढ़ने से ठीक पहले रिटायर होने वाले कर्मचारियों को भी इंक्रीमेंट का फायदा मिलेगा इसी के आधार पर पेंशन की गणना की जाती है।
मंत्रालय ने क्या कहा?
नोटिफिकेशन के अनुसार, अगर कोई केंद्रीय कर्मचारी सालाना सैलरी बढ़ोतरी से ठीक एक दिन पहले रिटायर हो जाता है तो उसके पेंशन की गणना करने से पहले सालाना इंक्रीमेंट का भी लाभ दिया जाएगा इस इंक्रीमेंट को को कर्मचारी की सैलरी में जोड़ने के बाद ही रिटायरमेंट के पैसों की गणना की जाती है।
कार्मिक मंत्रालय के जारी आदेश में कहा गया है अगर कोई केंद्रीय कर्मचारी 30 जून या 31 दिसंबर को रिटायर हो जाता है और इसके ठीक बाद 1 जुलाई या 1 जनवरी को वेतन बढ़ोतरी होनी है तो उसकी पेंशन की गणना करने से पहले सालाना इंक्रीमेंट का लाभ जोड़ दिया जाता है इस इंक्रीमेंट के जोड़ने के बाद ही कर्मचारी को रिटायरमेंट पर मिलने वाली एकमुश्त पैसे और उसके बाद की पेंशन की गणना की जाएगी।
मौजूदा नियम क्या है?
मौजूदा नियम कर्मचारियों को 1 जुलाई या 1 जनवरी को अपनी वेतन बढ़ोतरी डेट के रूप में चुनने की अनुमति देते हैं। जैसा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि 1 जनवरी/1 जुलाई को दी गई काल्पनिक वेतन बढ़ोतरी को केवल स्वीकार्य पेंशन की गणना के उद्देश्य से गिना जाएगा, न कि अन्य पेंशन लाभों की गणना के उद्देश्य से। सर्वोच्च न्यायालय के एक अन्य निर्देश का हवाला देते हुए मंत्रालय ने कहा कि एक वेतन बढ़ोतरी 01.05.2023 को और उसके बाद देय होगी। सभी केंद्रीय मंत्रालयों को जारी आदेश में कहा गया है कि 30 अप्रैल, 2023 से पहले की अवधि के लिए बढ़ी हुई पेंशन का भुगतान नहीं किया जाएगा केंद्र सरकार के करीब 48.66 लाख कर्मचारी हैं।
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