आज महाशिवरात्रि पर इस विधि से करें भगवान शिव का रुद्राभिषेक
आज भोले भंडरी को प्रसन्न करने का सबसे सुनहरा अवसर है। आज महापर्व शिवरात्रि है, इस पर्व को समस्त शिव भक्त आज आस्था के साथ मनाते हैं। भगवान शिव का अगर आप आशीर्वाद पाना चाहते हैं और जीवन में हर प्रकार के भौतिक सुख का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आज के दिन रुद्राभिषेक करने का सर्वाधिक महत्व शास्त्रों में बताया गया है। आमतौर पर भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है परंतु शिव जी के विशेष पर्व पर रुद्राभिषेक का महत्व सर्वाधिक बताया गया है।
आज महाशिवरात्रि का पर्व रुद्राभिषेक करने के लिए और भगवान शंकर का आशीर्वाद पाने के लिए सबसे उत्तम है। यही नहीं आज के दिन कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं ऐसे में रुद्राभिषेक करने का महत्व और भी अधिक माना जा रहा है। अगर आप आज रुद्राभिषेक कर रहे हैं तो इसकी विधि और पूजा सामग्री को नोट करें।
रुद्राभिषेक का धार्मिक महत्व
शास्त्रों में रुद्राभिषेक का मतलब है रुद्र का अभिषेक, रुद्र भगवान शिव का ही एक नाम है इसलिए इसका अर्थ हुआ भगवान शिव को स्नान कराने की पद्धति रुद्राभिषेक कहलाती है। रुद्राभिषेक जलाभिषेक से अलग है। रुद्राभिषेक में पूर्ण विधि विधान से कई सारी पूजन सामग्रियों से शिवलिंग को स्नान कराया जाता है। वहीं जलाभिषेक में सिर्फ शिवलिंग पर जल अर्पित किया जाता है। रुद्राभिषेक के बारे में शास्त्र कहते हैं कि रुतम्-दुरूखम् द्रावयति नाशयतीतिरुद्रः जिसका मतलब है कि भगवान शिव सभी कष्टों को मिटा देते हैं। जीवन में कैसी भी समस्या हो विधि पूर्वक रुद्राभिषेक करने से वह समाप्त हो जाती हैं और अपार सुख-समृद्धि व्यक्ति को प्राप्त होती है। ज्योतिष शास्त्र में भी कहा गया है कि कुंडली में अशुभ दोषों से निजात पाने कि लिए नियमित ढंग से रुद्राभिषेक करने पर वह शीघ्र नष्ट हो जाते हैं। अतः रुद्राभिषेक का बहुत अधिक महत्व है।
कैसे करें रुद्राभिषेक
सर्वप्रथम प्रातः जल्दी उठकर रुद्राभिषेक करने से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।
यदि घर में रुद्राभिषेक कर रहे हैं, तो पारद, स्फटिक का शिवलिंग प्रयोग करें या फिर मिट्टी का शिवलिंग बनाएं।
शिवलिंग का रुद्राभिषेक कर्मकांड के जानकार पंडित से प्रारंभ करवाएं।
रुद्रभिषेक प्रारंभ करने से पहले इसके पूजा अनुष्ठान का संकल्प लें।
इसके बाद योग्य कर्मकांड पंडित के द्वारा रुद्री पाठ के साथ रुद्राभिषेक की पूजा सामग्री शिवलिंग पर एक-एक कर अर्पित करें।
यदि रुद्राभिषेक कर्मकांड पंडित द्वारा न करा कर स्वयं कर रहे हैं, तो ध्यान रखें रुद्री पाठ का मंत्रोच्चारण खुद से एकदम स्पष्ट करें और बिना रुके शिवलिंग पर एक-एक सामग्री नियमित रूप से अर्पित करते रहें।
रुद्राभिषेक करने के बाद शिवलिंग पर पुनः जलाभिषेक कर भगवान शिव को प्रणाम करें और उनसे आशीर्वाद मांगे।
इसके बाद घर परिवार के सदस्यों को भोग में अर्पित किया हुआ प्रसाद बांट कर खाएं।
यदि कर्मकांड पंडित से रुद्राभिषेक कराया है तो उनको श्रद्धानुसार दक्षिणा दे कर विदा करें।
रुद्राभिषेक की पूजा सामग्री
गाय का दूध, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगाजल, शिवलिंग, श्रृंगी, पंचामृत पात्र, बेल पत्र, धतूरा, 5 प्रकार के फल, 5 प्रकार की मिठाई, दीप, धूप, कपूर, चंदन, अक्षत, सुपारी, मौली, रुद्राक्ष, 5 मुखी रुद्राक्ष की माला, वस्त्र,दान-दक्षिणा, 16 श्रृंगार आदि।
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