
इस कंपनी को जल्द मिलेगा नवरत्न का दर्जा
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को भारतीय प्रतिभूति मुद्रण एवं मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड (SPMCIL) के नए कॉरपोरेट कार्यालय का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कंपनी के उत्कृष्ट वित्तीय प्रदर्शन की सराहना करते हुए उम्मीद जताई कि यह जल्द ही नवरत्न का दर्जा प्राप्त करेगी।
फिलहाल मिनीरत्न श्रेणी-1 का दर्जा
SPMCIL इस समय वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के अंतर्गत कार्यरत है और भारत सरकार द्वारा अनुसूची 'ए' के तहत इसे मिनीरत्न श्रेणी-1 का दर्जा दिया गया है।
नवरत्न बनने की दिशा में अग्रसर
वित्त मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को महारत्न, नवरत्न और मिनीरत्न के दर्जे उनके वित्तीय प्रदर्शन, लाभ, और कुल संपत्ति जैसे मानकों पर दिए जाते हैं। SPMCIL की हालिया प्रगति को देखते हुए, यह नवरत्न बनने की दिशा में अग्रसर है।
ऋणमुक्त और मुनाफे में चल रही कंपनी
सीतारमण ने जानकारी दी कि कंपनी ने 2015 में पूंजी पुनर्गठन के बाद, 2016-17 तक पूरा ऋण ब्याज सहित चुका दिया। इसके बाद से यह कंपनी लगातार मजबूत लाभ अर्जित कर रही है। वित्त वर्ष 2023-24 में SPMCIL ने ₹364 करोड़ का लाभांश सरकार को दिया, जबकि पिछले वर्ष ₹534 करोड़ का रिकॉर्ड लाभांश दिया गया था।
सोने-चांदी के परिष्करण में अग्रणी भूमिका
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि कंपनी ने सीमा शुल्क विभाग द्वारा जब्त किए गए लगभग 3.4 टन सोने को परिष्कृत कर भारतीय रिजर्व बैंक को सौंपा है। इसके साथ ही तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम और वैष्णो देवी तीर्थ बोर्ड से प्राप्त सोने और चांदी का भी परिष्करण किया गया।
स्मारक सिक्कों से सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा
सीतारमण ने SPMCIL द्वारा जारी स्मारक सिक्कों की सराहना करते हुए कहा कि ये सिक्के भारत की सांस्कृतिक विरासत, इतिहास और कला को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने बताया कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में अब तक 210 स्मारक सिक्के जारी किए गए हैं, जिनमें से पिछले दशक में ही 105 सिक्के जारी हुए हैं।
सरकार का सीपीएसई को समर्थन
इस अवसर पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि सरकार केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (CPSEs) को दक्षता और लाभप्रदता बढ़ाने में हरसंभव सहयोग देगी।
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