उज्जैन: महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज
उज्जैन। निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज होने के बाद आरोप-प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया। अखाड़े के ही दो अन्य महामंडलेश्वरों ने भी मंदाकिनी पर आरोप लगाए हैं। इससे अखाड़े में चल रही कुनबे की कलह सामने आई है। फिलहाल रुपयों के लेनदेन व संपत्ति आदि पर कब्जे के विवाद सामने आए हैं। मामला अखाड़े के बड़े साधु-संतों तक भी पहुंच गया है।
उल्लेखनीय है कि महंत सुरेश्वरानंद गिरी की शिकायत पर सोमवार रात को चिमनगंज पुलिस ने मंदाकिनी पुरी और उसके सहयोगी अश्विनी चौधरी पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने सुरेश्वरानंद गिरि को महामंडलेश्वर की उपाधि दिलाने के लिए साढ़े सात लाख रुपये लिए। महंत को ना तो कोई उपाधि मिली और ना ही राशि अखाड़े के मुख्यालय तक पहुंची थी। महंत ने निरंजनी अखाड़े में पता किया तो वहां से जानकारी लगी कि महामंडलेश्वर बनाने के लिए कोई राशि नहीं ली जाती है, और ना ही महंत के नाम पर कोई निर्णय लिया गया है।
इन गंभीर आरोपों में घिरी मंदाकिनी
कुछ दिनों पहले महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी ने बड़नगर रोड स्थित श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा परिसर में श्री शिव शक्ति महायज्ञ, श्रीराम कथा व सामूहिक विवाह का आयोजन किया था। इसमें कुछ स्थानीय साधुओं को निरंजनी अखाड़े में शामिल करवाने तथा महामंडलेश्वर बनाने के एवज में साढ़े सात लाख रुपये लेने का आरोप है।
शिकायती आवेदन के बाद मामले ने तूल पकड़ा
एफआईआर दर्ज होने के बाद मंदाकिनी ने मंगलवार दोपहर एसपी प्रदीप शर्मा को शिकायती आवेदन दिया। इसमें उन्होंने महामंडलेश्वर शांतिस्वरूपानंद गिरी व महामंडलेश्वर सुमनानंद गिरी पर सजिश रचने, दुर्भावनावश असत्य प्रकरण दर्ज कराने तथा आत्महत्या करने के लिए उकसाने के आरोप लगाए हैं। यह दोनों महामंडलेश्वर निरंजनी अखाड़े के हैं।
बताया जाता है एक महामंडलेश्वर से मंदाकिनी का पूर्व में आश्रम पर कब्जा करने के प्रयास का विवाद है। जबकि सुमनानंद गिरी ने आरोप लगाया है कि मंदाकिनी व उनका सहयोगी उन्हें शेर की खाल बेचना चाहते थे और रुपये देने के लिए दबाव बना रहे थे। इन सब मामलों में सत्यता जो भी हो, लेकिन एक बात साफ हो गई है कि विवाद रुपये, संपत्ति व अखाड़े में प्रभाव जमाने का है। इस मामले ने कई आस्थावानों की भावना आहत की है।
अखाड़े से किया निष्कासित
उज्जैन प्रवास पर आए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत रवींद्रपुरी महाराज ने मंगलवार मंदाकिनी पुरी को महामंडलेश्वर पद एवं अखाड़े से तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया। साथ ही कहा कि जो भी शिकायत है हमारे पास आएगी उसकी जांच करवाकर कार्रवाई करेंगे। अखाड़ा द्वारा की गई कार्रवाई के बाद उज्जैन के स्थानीय संत मंडल द्वारा भी मंदाकिनी पुरी को निष्कासित कर दिया गया।
फिनायल पिया, उपचार जारी
प्रकरण दर्ज होने की जानकारी लगने के बाद मंगलवार सुबह आरोपित मंदाकिनी ने फिनाइल पी लिया था। फिलहाल उनका उपचार किया जा रहा है।
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