राष्ट्रपति ने डॉ. आरके धीमन को पद्मश्री पुरस्कार देकर किया सम्मानित
लखनऊ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में गुरुवार को आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह के दौरान SGPGI निदेशक डॉ. राधा कृष्ण धीमन को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया है। संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. राधा कृष्ण धीमन को यह सम्मान चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया है।
दरअसल,गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई थी। पद्म पुरस्कार देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मानों में से एक है। यह तीन श्रेणियों में दिया जाता है। यह श्रेणियां पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री हैं। जिन 110 लोगों को पद्मश्री के लिए नामित किया गया था, उनमें उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई के निदेशक प्रोफेसर आरके धीमन का नाम भी शामिल था। जिसके बाद कल यानी गुरुवार को प्रोफेसर आरके धीमन को इस सम्मान से अंलकृत किया गया है।
डॉ. राधा कृष्ण धीमन की उपलब्धियां
डॉ. राधा कृष्ण धीमन वर्तमान में संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआईएमएस) के निदेशक और कल्याण सिंह सुपरस्पेशलिटी कैंसर संस्थान के निदेशक हैं। 4 जून 1960 को जन्मे डॉ. धीमन ने वर्ष 1984 और 1987 में किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और मेडिसिन में एमडी की उपाधि प्राप्त की और 1991 में संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ से (गैस्ट्रोएंटरोलॉजी) में डॉक्टरेट ऑफ मेडिसिन की उपाधि प्राप्त की। उन्हें अमेरिकन कॉलेज ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, अमेरिकन एसोसिएशन फॉर स्टडी ऑफ लिवर डिजीज, रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन, लंदन और एडिनबर्ग और नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज सहित कई संस्थानों से फेलो की उपाधि दी गई।
बाद में वह हेपेटोलॉजी में सहायक प्रोफेसर के रूप में प्रतिष्ठित स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमईआर), चंडीगढ़ से जुड़े और 2020 में लखनऊ स्थित संजय गांधी पीजीआई में बतौर निदेशक कार्यभार ग्रहण किया। पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ में, उन्होंने देश में हेपेटोलॉजी में पहली बार डॉक्टरेट आफ मेडिसिन (डीएम)कोर्स शुरू करने, लिवर रोगों से पीड़ित रोगियों के लिए लिवर आईसीयू शुरू करने और पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ में लिवर प्रत्यारोपण कार्यक्रम शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. धीमन ने मुख्यमंत्रीपंजाब हेपेटाइटिस सी रिलीफ फंड, (MMPHCRF) के तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य स्तर पर हेपेटाइटिस सी के उपचार के लिए एक लागत प्रभावी एल्गोरिदम तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पंजाब के सभी 22 जिला अस्पतालों और सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में हेपेटाइटिस रोगियों के इलाज के लिए प्राथमिक सेवा चिकित्सकों और फार्मासिस्टों को प्रशिक्षित किया गया था।
राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से हो चुके हैं सम्मानित
डॉ. धीमन को कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं। उन्हें भारत के राष्ट्रपति ने साल 2008 में चिकित्सा क्षेत्र में सर्वोच्च डॉ. बीसी रॉय राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया था। उन्हें 4 बार भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) पुरस्कार भी मिल चुका है। उन्हें 2009 में "बसंती देवी अमीर चंद", 2007 में "अमृत मोदी यूनिकेम", 1997 में "शकुंतला अमीर चंद पुरस्कार" और 1996 में "डॉ डीवी दत्ता मेमोरियल ओरेशन अवार्ड" से सम्मानित किया गया है। वह कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके हैं। उन्हें अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ लिवर (एएएसएलडी) द्वारा हेरोल्ड ओ कॉन पुरस्कार मिला है । उन्हें 2012 से 2019 तक लगातार 6 वर्षों तक प्रतिष्ठित इंटरनेशनल सोसाइटी ऑन हेपेटिक एन्सेफैलोपैथी एंड नाइट्रोजन मेटाबॉलिज्म (ISHEN) का अध्यक्ष होने का सम्मान प्राप्त है। वह सन् 2016, 2017 और 2018 में लगातार 3 वर्षों तक इंडियन नेशनल एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ लिवर (INASL) के सचिव रहे।वह अब उसी सोसायटी के अध्यक्ष हैं।
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