लखनऊ: रियल एस्टेट कारोबारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत
लखनऊ। ठाकुरगंज थाना अंतर्गत बाबा हजाराबाग गढ़ीपीर खां मोहल्ले में रियल एस्टेट कारोबारी व समाजसेवी अब्दुल खालिद मलिक उर्फ कल्लू (65) की संदिग्ध परिस्थितियों में माथे पर गोली लगने से मौत हो गई। घर की गैलरी में खून से लथपथ हालत में उनका शव पड़ा था। जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने उनकी लाइसेंसी रिवॉल्वर बरामद की है। वहीं, फॉरेसिंक टीम ने साक्ष्य एकत्र किए है। परिजनों के बयान के आधार पर किसी करीबी पर पुलिस के शक की सुई हत्या की तरफ इशारा कर रही है। जबकि परिजन इस घटना को आत्महत्या बता रहे हैं।
तीन भांजों के साथ रहे थे रियल एस्टेट कारोबारी
मूलरूप से बाराबंकी जनपद के बरौली निवासी रियल एस्टेट कारोबारी व समाजसेवी अब्दुल खालिद मलिक उर्फ कल्लू ठाकुरगंज के बाबा हजाराबाग गढ़ीपीर खां मोहल्ले में भांजे मो.जुनैद, साहिद, हैरुल के साथ रहते थे। बुधवार दोपहर करीब 12.40 बजे घर के बरामद में उनका शव खून से लथपथ हालत में मिला। उनके माथे में गोली लगी थी। भांजे जुनैद ने बताया कि दोपहर में वह सोकर उठे और बाहर निकले, तो बरामदे में मामा मृत अवस्था में पाया। बताया कि मामा कि गोद में उनकी लाइसेंसी रिवॉल्वर थी। यह देख जुनैद ने ममेरी बहन निगहत फातिमा को जानकारी देते हुए पुलिस कंट्रोल रूम पर सूचना दी। जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर पहुंची पुलिस व फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य एकत्र कर शव को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया है। एडीसीपी विश्वजीत सिंह ने बताया कि पुलिस ने घटनास्थल से एक लाइसेंसी रिवॉल्वर बरामद की है।
परिचित को दिखाए थे 2.50 लाख रुपये
भांजे जुनैद ने बताया कि कई वर्ष पूर्व मामी हफीकुल निशा की मौत हो गई थी। उनके साथ बेटी निगहत फातिमा रहती थी। जिसकी शादी करीमगंज निवासी साबिर के साथ हुई है। वह अपनी ससुराल में रहती है। जिसके बाद अब्दुल खालिद के साथ उनके तीन भांजे रहने लगे। जुनैद ने बताया कि करीब डेढ़ साल पूर्व मामा ने किसी परिचित को ढ़ाई लाख रुपये दिए थे। परिचित के पास ही उनके मकान के कागजात भी हैं। उनका आरोप है कि परिचित ने ढ़ाई लाख रुपये और मकान के कागज हड़प लिए हैं। इसको लेकर वह अवसाद में थे। जिस वजह से उन्होंने आत्मघाती कदम उठा लिया। एडीसीपी ने बताया कि इस घटना को परिजन आत्महत्या बता रहे है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेसिंक टीम की जांच आने पर पूरी सच्चाई सामने आएगी।
बरामदे में चली गोली, किसी ने भी नहीं सुनी आवाज
भांजे जुनैद ने बताया कि मामा मकान के निचले हिस्से में रहते थे। जबकि पहले तल पर वह अपने परिवारिक सदस्यों के साथ रहते हैं। मंगलवार रात आठ बजे मामा छोटे भाई हैरुल के साथ कमरे में बैठकर ताश खेल रहे थे। जब वह सोकर उठे तब मामा को बरामदे में मृत अवस्था में पाया। उनका कहना है कि मामा ने कब खुद को गोली मार ली, उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है। वहीं, पड़ोसियों ने भी बताया कि उन्हें गोली चलने की आवाज सुनाई नहीं पड़ी।
अनसुलझे सवालों के नहीं मिले जबाव
अतिरिक्त इंस्पेक्टर शहंशाह हुसैन ने बताया कि वह घटनास्थल पर नहीं गए, लेकिन गोली मारकर आत्महत्या की बात सामने आ रही है। हालांकि बातचीत के दौरान जुनैद का कहना कि मामा के गोली कहां लगी है। उन्होंने कब, कितने बजे और क्यों खुद को गोली मारी है। अगर वह कर्जदार थे, तो उन्होंने कहां से कितना और क्यों कर्जा लिया था। इन सब सवालों का जवाब उसके पास नहीं है। फिलहाल, परिजनों के बयान के आधार पर किसी करीबी पर हत्या करने की आशंका है। फिलहाल, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
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