
वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आज से प्रारंभ होगा ‘युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन’
दया शंकर चौधरी
* सम्मेलन का विषय होगा ‘विकसित भारत के लिए नशा मुक्त युवा’
* 20 जुलाई को काशी घोषणापत्र के उद्घोष के साथ नशा मुक्त विकसित भारत के लिए राष्ट्रीय युवा-नेतृत्व वाली रूपरेखा तैयार की जाएगी
लखनऊ। युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय आज 19 से 20 जुलाई, 2025 तक उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 'विकसित भारत के लिए नशा मुक्त युवा' विषय पर 'युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन' आयोजित करने जा रहा है। इस ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन में देश भर के 100 आध्यात्मिक और सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों के 500 से अधिक युवा प्रतिनिधि शामिल होंगे। गंगा नदी के पावन तट पर आयोजित इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य नशीली दवाओं के दुरुपयोग के विरुद्ध भारत की आध्यात्मिक विरासत और युवा शक्ति में निहित सामूहिक राष्ट्रीय संकल्प को बढ़ावा देना है।
शिखर सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला; केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया; केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत; केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार; केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय; केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल राज्य मंत्री रक्षा निखिल खड़से; उत्तर प्रदेश के खेल मंत्री गिरीश यादव; उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण एवं अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण और उत्तर प्रदेश के उत्पाद शुल्क एवं निषेध राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल सहित कई प्रमुख गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे।
युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन, नशीली दवाओं के दुरुपयोग के विरुद्ध एक मूल्य-आधारित, युवा-नेतृत्व वाले जनांदोलन की शुरुआत करने के मंत्रालय के व्यापक मिशन का एक हिस्सा है। एक गहन अनुभव के रूप में तैयार किया गया यह शिखर सम्मेलन आत्मनिरीक्षण संवाद को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जुड़ाव के साथ जोड़ेगा। चार पूर्ण सत्रों में महत्वपूर्ण विषयों- व्यसन के मनोवैज्ञानिक और सामाजिक प्रभाव को समझना, नशीली दवाओं की आपूर्ति और तस्करी के नेटवर्क को ध्वस्त करना, प्रभावी जमीनी स्तर पर अभियान और संचार रणनीतियां और नशा मुक्त भारत के निर्माण हेतु एक प्रारूप तैयार करने पर चर्चा की जाएगी। इन चर्चाओं के साथ-साथ व्हाइटबोर्ड फ़ोरम, विशेषज्ञ मुख्य भाषण और कार्य कार्यशालाओं के आयोजन के माध्यम से युवाओं के विचारों और नवाचारों के लिए मंच प्रदान किया जाएगा।
दो दिवसीय इस सम्मेलन में होने वाले विचार-विमर्श सामूहिक रूप से एक अद्वितीय, प्रभावशाली परिणाम की ओर अग्रसर होंगे। शिखर सम्मेलन का समापन 20 जुलाई को 'काशी घोषणापत्र' के विमोचन के साथ होगा। यह दस्तावेज़ युवाओं और आध्यात्मिक प्रमुखों के सामूहिक दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करेगा और नशामुक्त भारत के निर्माण हेतु एक व्यापक कार्ययोजना प्रस्तुत करेगा। यह नीति निर्माताओं, नागरिक समाज संगठनों और नशामुक्ति एवं पुनर्वास क्षेत्र में कार्यरत युवा नेटवर्क के लिए एक मार्गदर्शक चार्टर के रूप में कार्य करेगा।
माई भारत मंच के साथ मिलकर, यह शिखर सम्मेलन नशे के विरुद्ध एक राष्ट्रीय जनांदोलन की भी शुरुआत करेगा, जिसमें माई भारत के स्वयंसेवक और संबद्ध युवा क्लब देश भर के गांवों, कस्बों और शहरों में जागरूकता अभियान, प्रतिज्ञा अभियान और जमीनी स्तर पर पहुंच गतिविधियों का नेतृत्व करेंगे। इन प्रयासों का उद्देश्य नैतिक दृढ़ विश्वास और सहभागी नेतृत्व द्वारा संचालित एक सतत राष्ट्रीय आंदोलन का निर्माण करना है। युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन से संबंधित सभी अपडेट और विस्तृत जानकारी तथा कार्यक्रम की लाइव स्क्रीनिंग MY Bharat प्लेटफॉर्म: https://mybharat.gov.in पर उपलब्ध होगी।
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